झारखंड

झारखंड में आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक स्थगित, अब इस दिन होगा फैसला, सख्त होंगी पाबंदियां

झारखंड में लागू पाबंदियों पर फैसला शनिवार को

रांची: झारखंड सरकार द्वारा बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर 15 जनवरी तक लगाई गईं विभिन्न तरह की पाबंदियां आगे जारी रहेंगी या नहीं, इस विषय पर शुक्रवार को फैसला होना था लेकिन आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक किसी कारण स्थगित हो गई है।

इस कारण फैसला नहीं हो सका है। अब 15 जनवरी को ही इस विषय पर सरकार की ओर से कोई घोषणा हो सकती है।

उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 04 जनवरी 2022 को कई तरह की पाबंदियों को लागू किया था, उनकी मियाद 15 जनवरी तक ही है। शुक्रवार शाम में आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक होने वानी थी।

इस बैठक में यह तय होना था कि आने वाले दिनों में झारखंड में लागू पाबंदियों को और कितना सख्त किया जाए या किस तरीके की छूट दी जाए। बैठक नहीं होने से इस पर फैसला नहीं हो सका है।

स्वास्थ्य मंत्री सह आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि किसी कारणवश शुक्रवार को आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक नहीं हो सकी है। इस संबंध में शनिवार को बैठक हो सकती है।

सरकार स्पष्ट कर देगी कि पाबंदियां किस हद तक लागू रहेंगी या आगे क्या हो सकता है। मंत्री ने यह भी कहा कि यह भी संभव है कि बैठक में पुरानी पाबंदियों को ही आगे लागू रखने पर विचार किया जा सकता है। जो भी होगा, सरकार शनिवार को स्पष्ट कर देगी।

15 जनवरी तक सरकार ने इस तरह की लगा रखी है पाबंदी

मालूम हो कि चार जनवरी को झारखंड सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए आपदा प्रबंधन प्राधिकार की जो बैठक की थी उसमें फैसला लिया था कि आगामी 15 जनवरी तक सभी पार्क, स्विमिंग पूल, जिम, चिड़ियाघर, पर्यटन स्थल, खेल स्टेडियम पूर्णत: बंद रहेंगे।

वहीं, स्कूल, कॉलेज, कोचिंग इंस्टीट्यूट भी 15 जनवरी 2022 तक बंद रहेंगे, लेकिन इन संस्थानों में 50% क्षमता के साथ प्रशासनिक कार्य होंगे।

सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि 15 जनवरी 2022 तक सिनेमाहॉल, रेस्टोरेंट, बार एवं शॉपिंग मॉल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे।

रेस्टोरेंट, बार एवं दवा दुकानें अपने नॉर्मल समय पर बंद होंगी। बाकी सभी दुकानें रात आठ बजे तक ही खुली रहेंगी। आउटडोर आयोजन में अधिकतम 100 लोग शामिल हो सकेंगे।

सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि इनडोर आयोजनों में कुल क्षमता का 50 प्रतिशत या 100 दोनों में से जो कम हो, क्षमता के साथ आयोजन हो सकेंगे।

सरकारी एवं निजी संस्थानों के कार्यालय 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुले रहेंगे। बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर प्रतिबंध रहेगा। सरकारी की ओर से घोषित इन पाबंदियों की मियाद 15 जनवरी को खत्म हो रही है।

झारखंड में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति

झारखंड में हालात इतने खराब हो गए हैं कि बड़े पैमाने पर यहां कोरोना के मरीज सामने आने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार अगर एक लाख की आबादी पर 15 से अधिक कोरोना मरीज पाए जाते हैं तो स्थिति क्रिटिकल माना जाता है।

झारखंड में अभी यह स्थिति है कि यहां एक लाख लोगों पर 85 मरीज पाए जा रहे हैं। इससे भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। रांची जिले में तो और भी बुरी स्थिति है। यहां एक लाख की आबादी पर 300 से अधिक संक्रमित पाए जा रहे हैं।

पाबंदियां हो सकती हैं और सख्त

आपदा प्रबंधन की बैठक में कोरोना की इस स्थिति पर भी चर्चा होने की संभावना है। चूंकी अब आदिवासियों का टुसू पर्व और मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी तक समाप्त हो जाने वाला है और आने वाले दिनों में शादी विवाह की शुरुआत होने वाली है, इसलिए झारखंड सरकार पाबंदियां और सख्त कर सकती है। बहुत सारे लोगों ने खरमास के कारण अपने आयोजनों को रद रखा था।

अब जैसे ही 15 जनवरी को खरमास संपन्न होगा, लोग शादी विवाह और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत करने लगेंगे। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन होना कठिन हो जाएगा। साथ ही कोरोना संक्रमण की स्थिति और भी भयावह हो सकती है। इन हालातों पर विचार करते हुए आपदा प्रबंधन की बैठक में आज राज्य सरकार महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है।

प्रधानमंत्री से भी मुख्यमंत्री की हो चुकी है बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सभी मुख्यमंत्रियों से बात की थी। इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री को बताया था कि झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों के कारण झारखंड में कोरोना की वर्तमान लहर में कहीं भी कोई अफरातफरी नहीं है।

राज्य सरकार स्वास्थ्य संरचनाओं को मजबूत करने के साथ कोरोना से निपटने को लेकर लगातार बेहतर प्रबंधन कर रही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना की तीसरी लहर के कारण उत्पन्न चुनौतियों और उससे निपटने की तैयारियों पर विस्तार से जानकारी दी थी।

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