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लंबे समय के बाद आंध्र प्रदेश ही नहीं, देश में चर्चा के केंद्र में आ गए चंद्रबाबू नायडू…

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Chandrababu Naidu : एक जमाना था, जब अपने ससुर एनटी रामाराव को अपदस्थ कर उनके दामाद चंद्रबाबू नायडू (Chandra Babu Naidu) संयुक्त आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री बन गए थे।

इसके बाद तमाम उतार-चढ़ाव के बाद भी चंद्रबाबू नायडू प्रदेश और देश की राजनीति में रह-रह कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे।

इस बार आंध्र प्रदेश विधानसभा ही नहीं, लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है।

उनके चलते ही BJP को भी इस राज्य में आगे बढ़ने का एक अवसर मिल गया है।

अब जबकि लोकसभा चुनाव में भाजपा बहुमत से बहुत पीछे रह गई, मगर NDA को बहुमत मिल गया है। इस बहुमत में सबसे बड़ा योगदान चंद्रबाबू नायडू का ही है।

याद कीजिए, देश की सियासत में केंद्र में तीन सरकारों के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को एक बार फिर किंगमेकर की भूमिका निभाने का मौका मिल सकता है।

TDP ने आंध्र प्रदेश के लोकसभा चुनावों में लड़ी गई 17 सीटों में से 16 लोकसभा सीटें जीती हैं। नायडू की पार्टी भारतीय जनता पार्टी के बाद NDA के दूसरे सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी के रूप में उभरी है।

इस बारे में राजनीतिक विश्लेषक और लेखक श्रीराम कर्री ने बताया, “उन्होंने (नायडू) केंद्र में तीन सरकारें स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई – पहली एच डी देवेगौड़ा की संयुक्त मोर्चा सरकार और बाद में 1996 और 1998 में आई के गुजराल की सरकार; इसके बाद दो बार अटल बिहारी वाजपेयी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार बनाई।”

NDA में बने रहने का सवाल

उन्होंने कहा कि TDP प्रमुख के पास अब एक बार फिर यह तय करने का अवसर है कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार होनी चाहिए या इंडिया गठबंधन की सरकार।

कर्री ने कहा, “इसका मतलब यह नहीं है कि वह NDA को छोड़ देंगे और विपक्षी गुट से हाथ मिला लेंगे।” टीडीपी के एक वरिष्ठ नेता और पार्टी थिंक टैंक में से एक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि नायडू किसी भी परिस्थिति में NDA नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा, “TDP प्रमुख को पता है कि 2018 में एनडीए से बाहर आकर और कांग्रेस समर्थक पार्टियों के साथ एक महागठबंधन बनाने का प्रयास करके उन्हें भारी दंड भुगतना पड़ा।”

TDP नेता ने बताया कि नायडू को एनडीए में वापस आने के लिए पिछले पांच वर्षों में काफी संघर्ष करना पड़ा और धैर्यपूर्वक इंतजार करना पड़ा, जिससे उन्हें आंध्र प्रदेश में 2024 विधानसभा चुनाव जीतने में मदद मिली।

उन्होंने कहा, ”इसलिए, अब भाजपा के साथ ऐसा कोई खेल खेलने का कोई सवाल ही नहीं है।”

बैठक में शामिल होंगे चंद्रबाबू

नेता के मुताबिक, नायडू के बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा बुलाई गई NDA सहयोगियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नई दिल्ली जाने की उम्मीद है।

टीडीपी नेता ने कहा, “टीडीपी की स्थिति को देखते हुए, ऐसी चर्चा है कि नायडू को एनडीए संयोजक पद की पेशकश की जा सकती है, क्योंकि उनमें गुटों को एकजुट रखने की क्षमता है।”

उल्लेखनीय है कि जैसे ही आंध्र प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों में टीडीपी और राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए की भारी जीत के संकेत मिलने लगे, टीडीपी प्रमुख ने एनडीए को लेकर प्रधानमंत्री और उनके कैबिनेट सहयोगी अमित शाह को टेलीफोन किया।

बदले में मोदी और अमित शाह ने आंध्र प्रदेश में एनडीए गठबंधन की शानदार जीत पर नायडू को बधाई दी। मामले से परिचित एक टीडीपी नेता ने कहा, “कथित तौर पर उन्होंने उन्हें बुधवार को नई दिल्ली में आमंत्रित किया।”

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