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भारतीय रेलवे का प्रधानमंत्री को जन्मदिन का उपहार : शुरु की 50 हजार युवाओं को उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण की योजना

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नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन निहित है।

उन्होंने कहा कि देश के सुदूर क्षेत्रों में स्थित 75 स्थानों पर इस योजना के माध्यम से 50 हजार युवाओं को उद्योग आधारित कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां रेल भवन से रिमोट का बटन दबाकर योजना का शुभारंभ करते हुए वर्चुअल माध्यम से जुड़े विभिन्न केंद्रों पर मौजूद रेल अधिकारियों और प्रशिक्षुओं को बधाई दी।

उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा पूजा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन का यह विशिष्ट दिन है।

उन्होंने कहा कि 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षण का यह ट्रेनिंग प्रोग्राम भारतीय रेलवे की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन का उपहार है।

प्रधानमंत्री मोदी के विजन में कौशल विकास एक मुख्य अंग है। वह चाहते हैं कि समाज के अंतिम छोर तक लाभ पहुंचे।

उन्होंने युवाओं से समाज की मौजूदा जरूरतों के हिसाब से स्किल आधारित प्रशिक्षण पर जोर दिया।

इस दौरान उन्होंने अपना खुद का वेल्डिंग और सोल्डरिंग का अनुभव भी साझा किया।

मंत्री ने योजना के संबंध में बताया कि रेल कौशल विकास योजना में इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मशीनिस्ट और वेल्डर सहित चार क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्होंने इसके अलावा इंस्ट्रूमेंटेशन, सिगनलिंग, कॉन्क्रीट सैटिंग, रॉड वेंडिंग और इलेक्ट्रॉनिक कार्ड रिप्लेसमेंट जैसी कुछ अन्य ट्रेड को भी इस योजना में शामिल करने का सुझाव दिया।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार रेल कौशल विकास योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए युवाओं की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए एवं युवा हाईस्कूल पास होना चाहिए।

युवाओं को हाई स्कूल के नंबरों के प्रतिशत से मेरिट के आधार पर ट्रेड के विकल्प अनुसार चयन किया जाएगा।

सीजीपीए को प्रतिशत में बदलने के लिए 9.5 से गुणा किया जाएगा। यह प्रशिक्षण प्राप्त करके अभ्यार्थी रोजगार या कंपनियों में रोजगार प्राप्त करने में सक्षम बनेगा।

प्रशिक्षण की अवधि 100 घंटे या 3 सप्ताह निर्धारित की गई है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अभ्यार्थी को एक परीक्षा देनी होगी जिसमें लिखित परीक्षा में कम से कम 55 प्रतिशत अंक एवं प्रैक्टिकल परीक्षा में कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने अनिवार्य होंगे।

इस योजना के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाला प्रशिक्षण निशुल्क है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। यह प्रशिक्षण विभिन्न प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

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