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एक बार फिर गरमाया, UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा: नहीं मिलेगी अनुमति

वाराणसी: Varanasi के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में वजूखाने का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है।

रमजान (Ramadan) के महीने में वजू की व्यवस्था न होने से नमाजियों को होने वाली परेशानी का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उठाया गया।

ज्ञानवापी मस्जिद इंतेजामिया कमेटी (Gyanvapi Masjid Arrangement Committee) की ओर से वजू के लिए व्यवस्था की मांग की गई।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को बैठकर एक निष्कर्ष तक पहुंचने को कहा था। Varanasi DM के स्तर पर बैठक हुई।

इसमें वजू की व्यवस्था के लिए पानी की टंकी लगाए जाने की बात कही गई। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मसले पर अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रख दिया है।एक बार फिर गरमाया, UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा: नहीं मिलेगी अनुमति Once again heated up, the UP government said in the Supreme Court: Permission will not be given

दोनों पक्षों को बैठकर सर्वमान्य हल निकालने को कहा गया

कोर्ट को सरकार की ओर से साफ किया गया है कि ज्ञानवापी परिसर के वजूखाना इलाके के तालाब में मिले शिवलिंग के क्षेत्र में वॉशरूम (Washroom) या वजू सुविधा की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

हालांकि, सरकार ने कोर्ट को बताया है कि मस्जिद के 70 मीटर की दूरी पर नमाजियों के लिए वजू करने का इंतजाम किया गया है।

17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी परिसर में वजूखाने के मुद्दे पर सुनवाई हुई। मस्जिद कमेटी (Masjid Committee) की मांग पर दोनों पक्षों को बैठकर सर्वमान्य हल निकालने को कहा गया।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन को पानी के टंकी का इंतजाम कराने का निर्देश प्रशासन को दिया है।एक बार फिर गरमाया, UP सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा: नहीं मिलेगी अनुमति Once again heated up, the UP government said in the Supreme Court: Permission will not be given

कोर्ट में सरकार ने रखा पक्ष

सुप्रीम कोर्ट में UP सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल (Solicitor General) तुषार मेहता (Tushar Mehta) ने कहा के ज्ञानवापी मस्जिद में वजू के लिए व्यवस्था की गई है।

जिला प्रशासन की ओर से मस्जिद के वजूखाने से 70 मीटर दूर वजू का इंतजाम किया गया है।

दरअसल, वाराणसी ट्रायल कोर्ट (Varanasi Trial Court) के आदेश पर 16 मई 2022 में ज्ञानवापी परिसर के एडवोकेट कमिश्नर से सर्वे के दौरान वजूखाने में शिवलिंग की आकृति पाई गई थी।

17 मार्च को वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्षकार पहुंचकर इस शिवलिंग की सुरक्षा और पूजा का अधिकार देने की मांग की।

हालांकि, मुस्लिम पक्षकार की ओर से इस आकृति को फव्वारा बताया गया। लोअर कोर्ट (Lower Court) और फिर सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग वाले इलाके को सील करने का आदेश दिया।

वजूखाने के इलाके को सील कर दिया गया। वहां पर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई। इससे नमाजियों को दिक्कत हो रही है।

मस्जिद में वजू की व्यवस्था नहीं होने का मुद्दा गरमाने लगा। ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन कमेटी की ओर से नमाजियों के लिए व्यवस्था की मांग की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इसी मामले में सुनवाई की।

मस्जिद कमेटी ने उठाया मुद्दा

ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन कमेटी की ओर से पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि EID के पहले आखिरी जुमे की नमाज है।

इससे पहले मस्जिद में वजू और बाथरूम सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि हम लोग 400 वर्षों से मस्जिद में वजूखाने का इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह हास्यास्पद है कि हमें वजू के लिए मस्जिद के बाहर व्यवस्था किए जाने की बात कही जा रही है।

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए मस्जिद में शुक्रवार और EID के दौरान वजू सुविधा के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की व्यवस्था करने का आदेश दिया।

उन्होंने DM को पानी की टंकी और टब की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए, ताकि नमाजियों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

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