झारखंड

आरसीईपी विभिन्न सदस्यों के बीच विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देगा: यूएन विशेषज्ञ

बीजिंग: हाल ही में क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर किये गये, जिस पर संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने एक खास रिपोर्ट जारी कर कहा कि यह समझौता इस क्षेत्र के विभिन्न सदस्य देशों के बीच और इस क्षेत्र में बाहरी क्षेत्र का विदेशी प्रत्यक्ष निवेश बढ़ाएगा।

संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन के निवेश तथा उद्यम विभाग के निदेशक चेन श्याओनिंग ने चाइना मीडिया ग्रुप को दिये एक विशेष साक्षात्कार में इस समझौते के महत्व पर चर्चा की।

यूएनसीटीएडी की रिपोर्ट के अनुसार आरसीईपी का आवरण क्षेत्र विश्व में अंतर्राष्ट्रीय प्रत्यक्ष निवेश आकर्षित करने वाला मुख्य क्षेत्र है। वर्ष 2019 में आरसीईपी के सदस्य देशों ने विश्व के लगभग एक चौथाई एफडीआई को आकर्षित किया।

उल्लेखनीय बात है कि पिछले 1 दशक में वैश्विक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की कुल संख्या में ठहराव की स्थिति बनी हुई थी, लेकिन चीन और आसियान देशों की मजबूत आकर्षित शक्ति से इस क्षेत्र में आने वाले एफडीआई में साल-दर-साल बढ़ोतरी हो रही है।

कोविड-19 महामारी और विश्व अर्थव्यवस्था की गंभीर स्थिति के बावजूद आरसीईपी क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला का मजबूत लचीलापन देखा जा रहा है।

इस साल के पहले 6 महीनों में एशिया में एफडीआई में 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो कि विश्व के अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी अच्छी रही।

चेन श्याओनिंग ने साक्षात्कार में कहा कि आरसीईपी इस क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को और आगे बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में आरसीईपी के सदस्य देशों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का महज 30 प्रतिशत भाग इस क्षेत्र के अंदर से आया है, जिसकी वृद्धि की बड़ी संभावना है।

आरसीईपी पर हस्ताक्षर किये जाने से इस क्षेत्र में निवेश के मौके दीर्घकाल तक अधिक उभरेंगे।

हस्ताक्षर करने वाले 15 देशों ने नकारात्मक सूची से विनिर्माण, कृषि, वन, मत्स्य और खनन उद्योग पांच गैर-सेवा क्षेत्रों के निवेश पर उच्च-स्तरीय खुलेपन का वादा किया है।

इसके साथ, इस समझौते में वस्तु व सेवा व्यापार, बौद्धिक संपदा अधिकार, ई-बिजनेस संबंधी व्यापार को सुगम बनाया जाएगा और कारोबारी खर्च को घटाया जाएगा, जो इस क्षेत्र में एफडीआई की वृद्धि और व्यावसायिक श्रृंखला के विकास के लिए लाभदायक होगा।

अंतर्राष्ट्रीय पूंजी के आकर्षण की चर्चा में चेन श्याओनिंग ने कहा कि आरसीईपी क्षेत्रीय व्यावसायिक श्रृंखला और आपूर्ति श्रृंखला के विकास का समर्थन करता है।

वित्त सेवा, दूरसंचार सेवा और विशेष सेवा में आरसीईपी के संबंधित नियमों ने उच्च-स्तरीय बाजार में पहुंच का वादा किया है, जो अधिक अंतर्राष्ट्रीय पूंजी को आकर्षित करेगा।

चेन श्याओनिंग ने यह भी कहा कि आरसीईपी पर हस्ताक्षर करने का अर्थ है कि एशिया के क्षेत्रीय एकीकरण में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।

इसने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व निवेश सहयोग में विश्वास भरा है और विश्व आर्थिक बहाली में जीवंत शक्ति डाली है।

उन्होंने आगे कहा कि आरसीईपी के सदस्यों में विकसित और विकासशील दोनों देश हैं और कुछ अविकसित देश भी शामिल हैं।

विभिन्न सदस्य देशों की आर्थिक व्यवस्था, विकास स्तर और आर्थिक पैमाने में बड़ा अंतर मौजूद है।

लेकिन इस समझौते ने विभिन्न पक्षों की मांग का ख्याल रखते हुए वस्तु, सेवा व निवेश की बाजार पहुंच में विभिन्न हितों के बीच तालमेल बिठाया है।

खास बात है कि इस समझौते ने सबसे अविकसित देश जैसे म्यांमार, लाओस और कंबोडिया को विशेषाधिकर दिया है, जिससे इस क्षेत्र के समावेशी व संतुलित विकास को बढ़ावा मिलेगा।

चेन श्याओनिंग ने अपने साक्षात्कार में यह भी कहा कि इस समझौते में चीन ने निवेश की नकारात्मक सूची से घरेलू सुधार की ताजा प्रगति जाहिर की है।

यह पहली बार है कि चीन ने किसी मुक्त व्यापार समझौते में नकारात्मक सूची के तरीके से निवेश क्षेत्र में वादा किया है।

उन्होंने कहा कि आरसीईपी चीन द्वारा नकारात्मक सूची के तरीके से हस्ताक्षर किया गया पहला मुक्त व्यापार समझौता है।

चीन नकारात्मक सूची के तरीके से अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ पारस्परिक निवेश समझौते पर वार्ता कर रहा है, लेकिन वे दोनों वार्ता अभी संपन्न नहीं हुई है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker