Homeझारखंडजनगणना में आदिवासियों के लिए हो अलग से कॉलम: हेमंत सोरेन

जनगणना में आदिवासियों के लिए हो अलग से कॉलम: हेमंत सोरेन

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग कॉउन्सिल 2021 की वर्चुअल बैठक में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से सरना आदिवासी धर्म कोड पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का आग्रह किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से पेंशन को यूनिवर्सल करने की मांग की।

मुख्यमंत्री ने मनरेगा की मजदूरी दर की राशि मे वृद्धि करने की भी मांग की। सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहती है।

इसके लिए कृषि, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

लाह और रेशम की खेती को राज्य सरकार कृषि का दर्जा देने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर देश तभी बनेगा, जब ग्रामीण क्षेत्र का सशक्तिकरण होगा।

ग्रामीणों का आर्थिक संसाधन कैसे बढ़े, इस पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

आदिवासी हितों की सुरक्षा के लिए आदिवासी मंत्रालय का निर्माण हुआ। संविधान में पांचवीं और छठी अनुसूची भी आदिवासी हित के लिए बनाई गई है।

आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति, व्यवस्था बिल्कुल अलग है। आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने हेतु वर्षों से मांग रखी जा रही है।

झारखंड विधानसभा से पारित कर हमने सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी।

ये बातें मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री नीति आयोग की गवर्निंग कॉउन्सिल 2021 की वर्चुअल बैठक में बोल रहे थे।

यूनिवर्सल पेंशन लागू हो

मुख्यमंत्री ने बताया कि अक्सर क्षेत्र भ्रमण के क्रम में वृद्धों से बात करने का अवसर प्राप्त होता है। वृद्धों की शिकायत रहती है कि उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है।

संबंधित पदाधिकारी बताते हैं कि टारगेट पूर्ण हो चुका है। क्या यूनिवर्सल पेंशन देकर ऐसे वृद्धों को लाभान्वित नहीं किया जा सकता।

केंद्र सरकार द्वारा 2007 के बाद से पेंशन की राशि मे वृद्धि नहीं की गई है।हालांकि राज्य सरकार राज्य कोष से इसको बढ़ाया है। पेंशन को यूनिवर्सल करने पर केंद्र सरकार विचार करे।

ग्रामीण क्षेत्रों के सशक्तिकरण से आत्मनिर्भर बनेगा देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीणों की क्रय शक्ति बढ़ाना चाहती है। इसके लिए कृषि, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

लाह और रेशम की खेती को राज्य सरकार कृषि का दर्जा देने की दिशा में काम कर रही है।

मुझे लगता है कि भारत आत्मनिर्भर देश तभी बनेगा, जब ग्रामीण क्षेत्र का सशक्तिकरण होगा। ग्रामीणों का आर्थिक संसाधन कैसे बढ़े, इस पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।

मनरेगा की मजदूरी दर की राशि में वृद्धि की जाये

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड श्रमिक प्रधान राज्य है। इनके लिए रोजगार सृजन कैसे हो, इसपर विचार करने की जरूरत है।

केंद्र सरकार द्वारा 202 रुपये बतौर मजदूरी दर अंकित किया गया है, जो देश के अन्य राज्यों से कम है। आज के दौर में मनरेगा की कार्ययोजना से झारखण्ड के श्रमिक कम लाभान्वित हो रहें हैं।

केंद्र सरकार इस अंकित मजदूरी दर में वृद्धि करे। साथ ही मजदूरों के लिए बने कानून पर पुनः विचार करने की भी जरूरत है। सशक्त कानून के अभाव में बिचैलिए श्रमिकों के हितों की अनदेखी कर देते हैं।

अभी हाल ही उत्तराखंड में एनटीपीसी और बीआरओ के लिए कार्य करने गए श्रमिकों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है।

खनन क्षेत्र में पार्टनरशिप के तहत कार्य हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड खनिज प्रधान राज्य है। राज्य और केंद्र के बीच इन मुद्दों को लेकर चर्चा होती रहती है, लेकिन यह लाभदायक साबित नहीं हो रहा है।

खनन की रॉयल्टी, डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फाउंडेशन ट्रस्ट फण्ड के अतिरिक्त केंद्र सरकार पार्टनरशिप की दिशा में विचार करे। इससे यहां के वासियों को आगे बढ़ने में आसानी होगी।

क्योंकि यहां के लोगों को सिर्फ आर्थिक पीड़ा ही नहीं, मानसिक रूप से विस्थापन का दंश भी झेलना पड़ता है ।

संक्रमण काल में राशि की हुई कटौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत होना आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा बजट में झारखण्ड को दिया जानेवाला शेयर 1750 करोड़ होता है।

लेकिन इसे 1200 करोड़ कर दिया गया। इससे राज्य को करोड़ो का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

साथ ही, कोरोना संक्रमण काल मे डीवीसी द्वारा राज्य सरकार के खाते से 2131 करोड़ रूपये की कटौती कर ली गई, जबकि झारखण्ड के लिए इस मुश्किल दौर में यह फंड जरूरी था। क्योंकि यह श्रमिक प्रधान राज्य है।

फारेस्ट क्लीयरेंस को लचीला बनाया जाये

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखण्ड का बड़ा हिस्सा जंगल -झाड़ी से आच्छादित है।

किसी भी तरह के उद्योग स्थापित करने में राज्य सरकार के उद्योग और उद्यमियों को फारेस्ट क्लीयरेंस लेने में इससे परेशानी होती है। साथ ही, अधिग्रहित की गई जमीन के एवज में समतुल्य जमीन उपलब्ध कराने में परेशानी होती है।

केंद्र सरकार इन विषयों पर विचार करते हुए इसे लचीला बनाने की दिशा में काम करे तो झारखण्ड जैसे प्रदेश को भी उद्योग स्थापित करने में आसानी होगी।

spot_img

Latest articles

रिम्स में जल्द बेहतर सुविधाएं: मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलने की तैयारी

Better Facilities at RIMS Soon: रिम्स में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए...

रिम्स में लैब टेक्नीशियन की अस्थायी भर्ती, 13 दिसंबर को होगा वॉक-इन इंटरव्यू

Temporary Recruitment of Lab Technician in RIMS: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च...

रांची में कचरा प्रबंधन होगा मजबूत, खादगढ़ा बस टर्मिनल में बनेगा नया MRF सेंटर

Ranchi to Strengthen Waste Management : रांची में कचरा मैनेजमेंट (Waste Management) को बेहतर...

खबरें और भी हैं...

रिम्स में जल्द बेहतर सुविधाएं: मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलने की तैयारी

Better Facilities at RIMS Soon: रिम्स में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए...

रिम्स में लैब टेक्नीशियन की अस्थायी भर्ती, 13 दिसंबर को होगा वॉक-इन इंटरव्यू

Temporary Recruitment of Lab Technician in RIMS: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च...