Ranchi: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर माहौल काफी गर्म हो गया। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच थैलेसीमिया और बोन मैरो ट्रांसप्लांट को लेकर कड़ा विवाद देखने को मिला। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि स्पीकर रवींद्र नाथ महतो को खुद बीच में आकर मामला शांत कराना पड़ा।
स्पीकर को करना पड़ा हस्तक्षेप
विधायक प्रदीप यादव ने पूछा कि राज्य में थैलेसीमिया मरीजों की कुल संख्या कितनी है, बोन मैरो ट्रांसप्लांट की सुविधा कहां उपलब्ध है और सरकार क्या आर्थिक मदद दे रही है। जवाब देते हुए मंत्री इरफान अंसारी उलझन में दिखे और माना कि सरकार के पास थैलेसीमिया मरीजों का अपडेटेड डेटा मौजूद नहीं है।
इस पर भाजपा विधायकों ने “सेम-सेम” कहकर हल्ला किया और सरकार पर सवाल उठाए।
भाजपा विधायकों ने भी उठाए सवाल
भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि निजी अस्पताल बिना पैसे लिए इलाज नहीं करते, लेकिन मंत्री सवालों का सीधा जवाब नहीं दे रहे। लगातार बढ़ते विवाद को देखते हुए स्पीकर ने प्रदीप यादव से कहा कि वे मंत्री के चैंबर में जाकर विस्तृत जानकारी ले लें।
मुफ्त रक्त उपलब्धता और आर्थिक मदद पर भी बहस
प्रदीप यादव ने बार-बार पूछा कि क्या राज्य सरकार थैलेसीमिया मरीजों को मुफ्त रक्त देती है और क्या अन्य राज्यों की तरह 15–20 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देने की योजना है। मंत्री इन सवालों पर भी स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
ब्लड ट्रांसफ्यूजन में पैसे वसूलने का आरोप
विधायक ने आरोप लगाया कि एक अस्पताल ब्लड ट्रांसफ्यूजन के नाम पर मरीजों से पैसे ले रहा है। मंत्री ने इस पर सफाई दी, लेकिन विधायक संतुष्ट नहीं हुए। स्पीकर ने मंत्री को संक्षेप में जवाब देने को कहा, लेकिन मंत्री उदाहरण देने लगे, जिससे नाराजगी और बढ़ गई।
जवाब न मिलने से बढ़ी नाराज़गी
पूरा सत्र स्वास्थ्य व्यवस्था और थैलेसीमिया मरीजों पर केंद्रित रहा, लेकिन ठोस जवाब न मिलने के कारण सदन में तनाव बना रहा।




