HomeUncategorizedGlobal Hunger Index में भारत 101वें पायदान पर, केंद्र अपनी झूठी ईमेज...

Global Hunger Index में भारत 101वें पायदान पर, केंद्र अपनी झूठी ईमेज का पेट भरने में लगा है

Published on

spot_img

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि भारत के ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 116 देशों में से 101वें स्थान पर होने के बावजूद, एक तरफ देश का किसान गेहूं पर मौसम की मार झेल रहा है और केंद्र दूसरे देशों को गेहूं बेच अपनी झूठी ईमेज का पेट भरने में लगा है।

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, भारत ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 116 देशों में से 101वें पायदान पर है – पाकिस्तान-बांग्लादेश-नेपाल से भी नीचे, 5 साल से कम उम्र के 32 फीसदी बच्चे कुपोषण के शिकार हैं, गेहूं में 5 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ का नुकसान हो गया, आय दुगनी नहीं हुई, अपनी झूठी ईमेज का पेट भरने में लगे हैं!

वहीं एक अन्य ट्वीट में सुरजेवाला ने कहा, एक तरफ देश का किसान गेहूं पर मौसम की मार झेलकर, मोदी सरकार की अपेक्षा के चलते प्रति एकड़ 10,000 रुपये का नुकसान झेल रहा है।

दुनियाभर में भूख के खिलाफ चल रहे अभियान

 

दूसरी ओर प्राईवेट कंपनियों को मुनाफा कमवाने वाली मोदी सरकार हमारी गेहूं दूसरे देशों को बेच अपनी पीठ थपथपा रही है पर किसान के नुकसान का भुगतान कैसे होगा?

गौरतलब है हर साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रैंकिंग जारी होती है। 2021 में भारत इस रैंकिंग में 116 देशों की लिस्ट में 101वें नंबर पर रहा था।

इस रैंकिंग में भारत अपने पड़ोसी देश म्यांमार (71), पाकिस्तान (92), बांग्लादेश (76) और नेपाल (76) से भी नीचे था। 2020 में भारत 117 देशों में 94वें नंबर पर था। यानी एक साल में ही भारत की रैंकिंग 7 पायदान गिर गई।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट इसलिए अहम है क्योंकि ये दुनियाभर में भूख के खिलाफ चल रहे अभियानों की उपलब्धियों और नाकामियों को बताती है।

इससे पता चलता है कि किसी देश में भूख की समस्या कितनी ज्यादा है। हालांकि, सरकार इस इंडेक्स को नहीं मानती है। सरकार का कहना है कि ये रिपोर्ट सही आधार पर तैयार नहीं की जाती।

दुनिया में सबसे ज्यादा चावल और गेहूं का उत्पादन चीन के बाद भारत में

 

केंद्र सरकार के अनुसार विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) अगर अनुमति दे, तो भारत दुनिया को अनाज की आपूर्ति करने के लिए तैयार है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनाज के भंडारण में भारत दुनिया का सबसे बड़ा देश है।

अमेरिका की फॉरेन एग्रीकल्चर सर्विस के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा चावल और गेहूं का उत्पादन चीन के बाद भारत में होता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, 2019-20 में भारत में 1076 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

इसी साल 1184 लाख टन चावल का उत्पादन हुआ। एक अनुमान के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल 4902 लाख टन चावल और 6020 लाख टन गेहूं की खपत होती है। यानी, भारत में हर साल गेहूं और चावल की जितनी पैदावार होती है, उससे दुनिया की 15 से 20 फीसदी जरूरत पूरी हो सकती है।

spot_img

Latest articles

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति: जिलास्तर पर तय होगी शराब दुकानों की संख्या

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब दुकानों की संख्या...

क्सलियों की साजिश नाकाम, 18 IED बम बरामद

Chaibasa-Khunti News: पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले की सीमा पर बुधवार को सुरक्षा बलों...

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से की मुलाकात 

Ranchi News: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को...

शिबू सोरेन की सेहत में सुधार, दिल्ली के अस्पताल में खतरे से बाहर

Ranchi News: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संरक्षक और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की...

खबरें और भी हैं...

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति: जिलास्तर पर तय होगी शराब दुकानों की संख्या

Jharkhand Product Policy: झारखंड में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब दुकानों की संख्या...

क्सलियों की साजिश नाकाम, 18 IED बम बरामद

Chaibasa-Khunti News: पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले की सीमा पर बुधवार को सुरक्षा बलों...

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से की मुलाकात 

Ranchi News: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को...