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कानून के अनुसार चार सप्ताह में निर्णय ले जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली हाईकोर्ट ने…

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Delhi High Court : सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) जामिया मिल्लिया इस्लामिया से कहा कि वह अपने आवासीय कोचिंग अकादमी (RCA) में ओबीसी (गैर-क्रीमी लेयर) श्रेणी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के छात्रों के प्रवेश की मांग वाली जनहित याचिका को प्रतिनिधित्व के रूप में मानकर इस मसले पर निर्णय ले।

अदालत ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) को कानून के अनुसार निर्णय लेने के लिए चार हफ्ते की मोहलत प्रदान की है।

अदालत ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा था कि OBC और EWS के लोग भी पिछड़े है और उनको भी मुफ्त कोचिंग का लाभ मिलना चाहिए।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कि कहा- यह अदालत प्रतिवादी संख्या 1 (जामिया मिल्लिया इस्लामिया, JMI) को निर्देश देते हुए मौजूदा रिट याचिका का निपटारा करती है कि वह इसे एक अभ्यावेदन के रूप में ले।

इस मसले पर चार हफ्ते में कानून के अनुसार निर्णय ले। पीठ में न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा भी शामिल थे। पीठ ने सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में कहा कि OBC और EWS श्रेणी के लोग भी पिछड़े हैं। उन्हें मुफ्त कोचिंग का लाभ दिया जाना चाहिए। उन्हें लाभ दें।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि आरसीए की सुविधा केवल महिलाओं और अल्पसंख्यक या SC , ST समुदायों के लोगों को ही मिलती है। अन्य वंचित श्रेणियों को मनमाने ढंग से बाहर रखा जाता है।

RCA सिविल सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए निःशुल्क कोचिंग प्रदान करने का एक कार्यक्रम है।

याचिकाकर्ता एक कानून के छात्र सत्यम सिंह ने बिना किसी पूर्व प्रतिनिधित्व के सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाया और विश्वविद्यालय से जनहित याचिका में उठाए गए मुद्दे को प्रतिनिधित्व के रूप में मानकर निर्णय लेने की अपील की है।

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