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जून महीने में मानसून दे रहा दगा, 22 वर्षों में सरायकेला में सबसे कम बारिश

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Jharkhand Weather: सरायकेला खरसावां जिला में इस बार मॉनसून फिर से दगा दे गया है। इस साल जून माह में केवल 36.1 मिमी बारिश (Rain) हुई है, जो सामान्य से काफी कम है।

पिछले 22 वर्षों के दौरान जून महीने में सबसे कम बारिश इस साल सरायकेला में हुई है। कम बारिश के कारण किसान चिंतित हैं, क्योंकि पानी के अभाव में धान के बिचड़े नहीं निकल पा रहे हैं और खेत सूखे पड़े हैं।

हर साल जून माह के पहले पखवाड़े में मॉनसून (Monsoon) का आगमन हो जाता था, जिससे किसान अपने खेतों में धान के बीज डाल देते थे।

बारिश कम होने की वजह से किसान परेशान

जैसे ही मॉनसून की बारिश शुरू होती थी, खेतों में पड़े धान के बीज नमी पाकर अंकुरित हो जाते थे। जुलाई माह के पहले सप्ताह में सभी किसान अपने-अपने खेतों में खर-पतवार निकालने का काम शुरू कर देते थे। लेकिन इस बार बारिश कम होने से किसान परेशान हैं।

पिछले वर्ष भी जून माह में औसत से कम बारिश हुई थी, लेकिन इस साल के जून माह में तो औसत का केवल एक चौथाई बारिश हुई है, जो खेती के लिए पर्याप्त नहीं है।

सरायकेला और राजनगर का वर्षा मापी यंत्र हो गया है खराब

सरायकेला और राजनगर प्रखंड कार्यालय में लगे वर्षा मापी यंत्र खराब हो गए हैं। यंत्र खराब होने से इन दो प्रखंडों में वर्षापात का सही अनुमान नहीं लग पा रहा है। यह यंत्र पिछले मई महीने से खराब पड़े हुए हैं।

सरायकेला खरसावां जिला में इस बार Monsoon फिर से दगा दे गया है। इस साल जून माह में केवल 36.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से काफी कम है। पिछले 22 वर्षों के दौरान जून महीने में सबसे कम बारिश इस साल सरायकेला में हुई है।

कम बारिश के कारण किसान चिंतित हैं, क्योंकि पानी के अभाव में धान के बिचड़े नहीं निकल पा रहे हैं और खेत सूखे पड़े हैं। हर साल जून माह के पहले पखवाड़े में मॉनसून का आगमन हो जाता था, जिससे किसान अपने खेतों में धान के बीज डाल देते थे।

बारिश कम होने की वजह से किसान परेशान

जैसे ही Monsoon की बारिश शुरू होती थी, खेतों में पड़े धान के बीज नमी पाकर अंकुरित हो जाते थे। जुलाई माह के पहले सप्ताह में सभी किसान अपने-अपने खेतों में खर-पतवार निकालने का काम शुरू कर देते थे। लेकिन इस बार बारिश कम होने से किसान परेशान हैं।

पिछले वर्ष भी जून माह में औसत से कम बारिश हुई थी, लेकिन इस साल के जून माह में तो औसत का केवल एक चौथाई बारिश हुई है, जो खेती के लिए पर्याप्त नहीं है।

सरायकेला और राजनगर का वर्षा मापी यंत्र हो गया है खराब

सरायकेला और राजनगर प्रखंड (Rajnagar Block) कार्यालय में लगे वर्षा मापी यंत्र खराब हो गए हैं। यंत्र खराब होने से इन दो प्रखंडों में वर्षापात का सही अनुमान नहीं लग पा रहा है। यह यंत्र पिछले मई महीने से खराब पड़े हुए हैं।

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