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चिराग ने जाति जनगणना का किया समर्थन, तेजस्वी को बोलै छोटा भाई

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 Tejashwi supports  Chirag’s caste censusचिराग पासवान ने बिहार चुनाव से पहले कास्ट सेंसस का खुलकर सपोर्ट किया है। ये बात इसलिए महत्वपूर्ण है, कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जातिगत जनगणना के लिए जोरदार मुहिम चला रहे हैं। गुजरात में हुए कांग्रेस अधिवेशन में भी राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा था। सत्ता में आने पर जातिगत जनगणना कराने की बात कही है। 2025 में बिहार के तीन दौरे कर चुके राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के जातिगत गणना को फर्जी बताया था।

जातिगत जनगणना के पैरोकार लालू यादव भी हैं और राहुल गांधी की सक्रियता के कारण कहीं न कहीं टकराव की भी नौबत आ रही है। वहीं पीएम मोदी के हनुमान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने लालू यादव की राजनीति को भी निशाने पर लिया है और ये जताने की कोशिश की है कि वह मुस्लिम-यादव की राजनीति को भी सही नहीं मानते हैं। चिराग पासवान ने जातिगत जनगणना की ये कहते हुए वकालत की है कि ऐसा होने से सरकार को लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाने के लिए आंकड़े मिल जाएंगे।

खास बात ये है कि चिराग कतई नहीं चाहते कि जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक किया जाए। उनका कहना है कि अगर जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए तो जातिवाद को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि ये विरोधाभासी लग सकता है कि मैं जाति की राजनीति को सपोर्ट नहीं करता, लेकिन जातिगत जनगणना का समर्थन जरुर करता हूं।

लालू परिवार के साथ रिश्तों को लेकर चिराग ने कहा कि कि उनके परिवार के रिश्ते लालू परिवार से हमेशा अच्छे रहे हैं और मैं खुले मंच पर ये बात कहता भी रहा हूं…मैंने इसे कभी छिपाया भी नहीं है…जैसे रिश्ते मेरे पिता के वक्त थे, वैसा आज भी है… तेजस्वी को मैं अपना छोटा भाई मानता हूं। लालू यादव की मुस्लिम-यादव पॉलिटिक्स को राजनीति के रूप में जाना जाता है। चिराग का कहना है कि मेरे लिए इसका का अलग मतलब है। मेरे 5 सांसदों में से 2 महिलाएं हैं… मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करता हूं… जैसे ही बिहारी बिहार से बाहर निकलते हैं और जाति से बाहर निकलते हैं, वे हर फील्ड में बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। चाहे वह मीडिया क्षेत्र हो, कॉर्पोरेट हो या फिर नौकरशाही।

कास्ट सेंसस की पैरवी तो चिराग पासवान को राहुल गांधी की तरफ ले जाती है और ऐसा लगता है वो भविष्य में तेजस्वी यादव के साथ जाने का भी इशारा कर रहे हैं। लेकिन, मुस्लिम-यादव फैक्टर की उनकी नई परिभाषा तेजस्वी के खिलाफ जाती है, बल्कि उसमें मोदी के मन की बात भी छिपी हुई लगती है। चिराग पासवान भी लगता है, नीतीश कुमार की तरह एनडीए में प्रेशर पॉलिटिक्स करने की कोशिश कर रहे हैं। वैसे भी, बीजेपी और नीतीश कुमार की वजह से चिराग ने जो फजीहत झेली है, वह भूल पाना तो उनके लिए मुश्किल ही होगा। वह कहते हैं अगर आप अपने आपको मजबूत रखते हैं, तो कोई आपको निगल नहीं सकता।

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