ACB Remand: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने शराब घोटाले में बुधवार को मेसर्स विजन हॉस्पिटलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों परेश अभेयसिंह ठाकोर, विक्रमासिंह अभेसिंह ठाकोर और महेश शिडगे को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
ACB की टीम दोपहर में तीनों निदेशकों को मुख्यालय लेकर पहुंची, जहां अलग-अलग कमरों में उनसे गहन पूछताछ की गई।
‘फर्जी गारंटी की हमें नहीं थीजानकारी’
ACB अब तीनों निदेशकों से मिली जानकारी का मिलान करेगी। पूछताछ में निदेशकों ने लोकल प्रतिनिधि नीरज कुमार की भूमिका पर उंगली उठाई।
उन्होंने दावा किया कि फर्जी बैंक गारंटी के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं थी और सारा कामकाज नीरज कुमार ही संभालता था। गौरतलब है कि 14 अक्टूबर को अहमदाबाद से तीनों निदेशकों को गिरफ्तार किया गया था।
‘नीरज और श्याम शरण ने की धोखाधड़ी, हाईकोर्ट में जमा किए फर्जी दस्तावेज’
महेश शिडगे ने खुलासा किया कि उनके लोकल प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह और श्याम शरण ने धोखाधड़ी कर यह पूरा खेल रचा।
उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में बैंक गारंटी की अवधि बढ़ाने से जुड़े फर्जी पत्र भी नीरज कुमार सिंह ने ही दाखिल किए थे।
5 करोड़ से ज्यादा की फर्जी गारंटी जमा
मेसर्स विजन हॉस्पिटलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड को हजारीबाग, कोडरमा और चतरा में मानव संसाधन प्रदाता के तौर पर चुना गया था। प्लेसमेंट एजेंसी ने 27 अगस्त 2023 को कंपनी के प्रतिनिधि नीरज कुमार के हस्ताक्षर से 5,35,35,241 रुपये की फर्जी बैंक गारंटी जमा की।
फिर 28 दिसंबर 2023 को कंपनी के निदेशक महेश शिडगे के हस्ताक्षर से नई गारंटी जमा की गई, जिसका कारण आंतरिक बदलाव बताया गया। बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब एंड सिंध बैंक की गारंटी जमा कराई गईं, जो बाद में फर्जी साबित हुईं।


