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चीन और रूस उपग्रह नेविगेशन और चांद सर्वेक्षण में सहयोग बढ़ाएंगे

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बीजिंग: हाल ही में जारी हुई चीन और रूस के प्रधानमंत्रियों की नियमित भेंट वार्ता की संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार दोनों देश उपग्रह नेविगेशन क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग का विस्तार करेंगे और अंतरराष्ट्रीय चंद्र अन्वेषण स्टेशन की स्थापना के लिए पारस्परिक लाभ वाला सहयोग करेंगे।

अंतरिक्ष क्षेत्र में चीन और रूस का सहयोग चांद तथा गहरे अंतरिक्ष सर्वेक्षण, विशेष पदार्थों के विकास, उपग्रह व्यवस्था और पृथ्वी रिमोट सेंसिंग समेत व्यापक विषयों से जुड़ा हुआ है।

संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार चीन और रूस पेइ तो और ग्लोनास व्यवस्था की अनुकूलता और संयुक्त प्रयोग का कार्य उन्नत करेंगे और एक दूसरे देश में पेइतो और ग्लोनास निगरानी स्टेशन की स्थापना करेंगे ।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष संघ की अंतरिक्ष परिवहन समिति के उपाध्यक्ष और चीनी उड्डयन विज्ञान व प्रौद्योगिकी समूह के अध्ययनकर्ता यांग यू क्वांग ने सीएमजी के संवाददाता को दिये एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि उपग्रह नेविगेशन व्यवस्थाओं के बीच पारस्परिक अनुकूलता और अंतरसंक्रियता एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय रूझान है, जो ग्राहकों के लिए बेहतर सेवा प्रदान कर सकता है।

उन्होंने बताया कि अब विश्व में प्रमुख नेविगेशन व्यवस्थाएं पैसिव लोकेशन सिद्धांत पर आधारित हैं और टाइम डिफरेंस लोकेशन अपनाती हैं।

इस सिद्धांत के मुताबिक उपग्रहों की संख्या ज्यादा है, तो सटीकता अधिक होगी और लोकेशन की गति भी अधिक तेज होगी। इसलिए विश्व में एक ऐसा रूझान है कि अगर उपग्रह नेविगेशन रिसीवर अधिक विभिन्न उपग्रह व्यवस्थाओं के सिगनल प्राप्त करता है, तो वह ग्राहक को अधिक लाभ पहुंचाता है।

यांग यूक्वांग ने बताया कि चीन और रूस के बीच उपग्रह नेविगेशन सहयोग से एक-दूसरे की पूर्ति की जाएगी। एक-दूसरे देश में निगरानी स्टेशन की स्थापना से उपग्रह नेविगेशन व्यवस्था का आवरण क्षेत्र बढ़ाया जाएगा, जिससे समान जीत हासिल की जाएगी।

उन्होंने बताया, हमें उपग्रह के लिए सटीक कक्षा तय करनी है और उपग्रह का रखरखाव करना है। रूस की भूमि बहुत विशाल है। अगर रूस में स्थित निगरानी स्टेशन हमारे उपग्रह की रखरखाव में मदद प्रदान कर सके और हम भी उसके उपग्रहों के रखरखाव में समर्थन प्रदान करें, तो यह एक पारस्परिक लाभ वाली बात होगी।

चंद्र अन्वेषण क्षेत्र में चीनी राजकीय अंतरिक्ष ब्यूरो ने हाल ही में जानकारी दी कि भविष्य में चीन क्रमश: छांग अ नंबर 6, 7और 8 प्रक्षेपित करेगा।

इसके साथ ही चीन विभिन्न देशों के साथ संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय चांद अनुसंधान स्टेशन स्थापित करेगा। दोनों देशों की हालिया भेंटवार्ता की विज्ञप्ति के अनुसार चीन और रूस अंतरराष्ट्रीय चंद्र अन्वेषण स्टेशन की स्थापना को लेकर सहयोग चलाएंगे।

यांग यू क्वांग के विचार में चांद सर्वेक्षण में रूस का मजबूत तकनीकी आधार है। चीन को देरी से विकास करने का लाभ हासिल हुआ है। वे एक-दूसरे से लाभ उठा सकते हैं।

उन्होंने बताया, चीनी अंतरिक्ष उड्डयन को देर में विकास करने का लाभ मिला है। हमारा प्रारंभिक बिंदु ऊंचा है। इस बार छांग अ नंबर पांच मिशन पहले के चांद पर समानव लैंडिंग के बराबर है। इसके अलावा सर्वेक्षण यान में हमने बहुत नयी प्रगतिशील तकनीकों का प्रयोग किया है। ये सब सहयोग का आधार हैं।

यांग यूक्वांग ने बल दिया कि अंतरिक्ष सर्वेक्षण समग्र मानव का कार्य है। शांतिपूर्ण रूप से अंतरिक्ष का प्रयोग और अपार ब्रह्मांड का पता लगाना समग्र मानव का सपना है। अंतरिक्ष सहयोग में चीन और रूस के बीच विशाल संभावनाएं हैं।

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