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बंगाल में गठबंधन पर रार के बीच बोले अधीर रंजन, ‘आनंद शर्मा की नीयत में खोट’

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में कट्टरपंथी मुस्लिम नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी ‘इंडियन सेक्यूलर फ्रंट’ के साथ कांग्रेस के चुनावी गठबंधन को लेकर पार्टी में ही खींचतान शुरू हो गई है।

इस गठबंधन को कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ बताने वाले आनंद शर्मा पर अब लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि आनंद शर्मा की नीयत में खोट है, इसीलिए वो किसी अन्य के इशारे पर पार्टी की छवि धूमिल करने में लगे हैं।

बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने मंगलवार को कहा कि समझ नहीं आ रहा कि आनंद शर्मा क्यों बचपना कर रहे हैं?

वो किसी को खुश करने के लिए उनके इशारे पर पार्टी की छवि धूमिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर आनंद शर्मा को कोई बात बुरी लगी या की सवाल था तो बात करनी चाहिए थी।

उनकी नीयत में ही खोट थी तभी किसी से बात करने के बजाय सीधा ट्विटर पर चले गये।

अधीर रंजन ने कहा कि आज आनंद शर्मा भाजपा की मदद कर रहे हैं, यह जानकर दुख हो रहा है। शायद उनका मकसद गठबंधन के बहाने कांग्रेस को गलत ठहराने की है।

तभी तो पार्टी फोरम में अपनी बात रखने की जगह वो पार्टी के खिलाफ ही बयानबाजी करने में लगे हैं।

आज जब तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लामबंद हैं, तब आनंद शर्मा अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हैं।

आनंद शर्मा के साथ जम्मू में जी-23 के सदस्यों की बैठक और बयानों को लेकर अधीर रंजन ने कहा कि ये असंतुष्ट गुट कांग्रेस पार्टी को ही छोटा साबित करने में लगा है।

जबकि सीडब्ल्यूसी की बैठक में अपनी बात रखने की इनकी हिम्मत नहीं होती लेकिन किसी अन्य के इशारे पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ जहर उगलने में ये माहिर हो जाते हैं।

इस गुट के सदस्यों के कभी जम्मू जाने, भगवा पगड़ी पहनने तथा प्रधानमंत्री की जरूरत से ज्यादा तारीफ करने की बात से यह स्पष्ट है कि अब वे कांग्रेस के प्रति वफादार नहीं रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर जी23 के नेताओं को कांग्रेस अच्छी नहीं लग रही है तो खुद चले जाओ पार्टी छोड़कर, लेकिन ये जाएंगे नहीं ये शहीद होना चाहते हैं।

वहीं, आईएसएफ के साथ गठबंधन पर स्पष्टीकरण देते हुए अधीर रंजन ने कहा कि बंगाल में हमारा गठबंधन लेफ्ट पार्टी से है और कांग्रेस वहां 92 सीटों पर लड़ेगी।

हम किसी अन्य से कोई भी सीट नहीं बांटने वाले, खासकर किसी नई पार्टी के लिए सीट छोड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता। बंगाल में कांग्रेस की ऐसी कोई मजबूरी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के असंतुष्ट गुट के नेता आनंद शर्मा ने बीते दिन सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कट्टरपंथी मुस्लिम नेता पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इंडियन सेक्यूलर फ्रंट के साथ कांग्रेस के चुनावी गठबंधन की आलोचना की थी।

उन्होंने कहा था कि इंडियन सेक्यूलर फ्रंट और ऐसे अन्य दलों के साथ कांग्रेस का गठबंधन पार्टी की मूल विचारधारा, गांधीवाद और नेहरूवादी धर्म निरपेक्षता के खिलाफ है।

अन्होंने आगे कहा था कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस दोहरा रवैया नहीं अपना सकती।

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