Jharkhand Education News : झारखंड में मैट्रिक और इंटरमीडिएट की 11 फरवरी से होने वाली परीक्षा को लेकर संशय की स्थिति बन गई है। महज 8 दिन बाद होने वाली परीक्षा के लिए अबतक Admit Card जारी नहीं किए जा सके हैं।
इसकी वजह Jharkhand में Metric-Inter की परीक्षाएं लेने वाली संस्था Jharkhand Academic Council (JAC) में Chairperson और Vice Chairperson के पद का रिक्त होना है।
Admit Card पर इनमें से किसी एक का हस्ताक्षर होता है। काउंसिल की ओर से पूर्व में घोषित Schedule के अनुसार मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड क्रमशः 25 जनवरी और 28 जनवरी से Website से Download किए जाने थे, लेकिन यह प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इन परीक्षाओं में 7 लाख 77 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों को शामिल होना है।
एडमिट कार्ड जारी नहीं, चेयरपर्सन की नियुक्ति लंबित
इसके पहले 8वीं और 9वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी Council ने स्थगित कर दी हैं। काउंसिल में चेयरपर्सन के पद पर पदस्थापित रहे Dr. Anil Mahto और वाइस चेयरपर्सन Dr. Vinod Singh दोनों का कार्यकाल 18 जनवरी को खत्म हो गया था। इसके बाद सरकार अब तक इन पदों पर नई नियुक्ति नहीं कर सकी है।
इन पदों पर तत्काल नियुक्ति की मांग को लेकर Jharkhand Intermediate शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ. देवनाथ सिंह ने Jharkhand High Court में दो दिन पूर्व एक जनहित याचिका भी दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की ओर से हर साल आयोजित होने वाली परीक्षाओं से राज्य के लगभग 21 लाख परीक्षार्थियों का भविष्य जुड़ा रहता है। इन परीक्षाओं के लिए तमाम गोपनीय कार्य अध्यक्ष के जिम्मे होते हैं।
प्रश्न पत्रों को सेट करवाने, उनकी प्रिंटिंग, एडमिट कार्ड जारी करने, परीक्षा से संबंधित समस्त सामग्री को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने जैसी व्यवस्था की निगरानी भी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ही करते हैं।
इन पदों पर नियुक्ति को लेकर सरकार की ओर से निर्णय नहीं लिए जाने से लाखों परीक्षार्थियों के साथ-साथ उनके अभिभावक भी चिंतित हैं। BJP के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष Babulal Marandi ने भी इसे लेकर राज्य की सरकार पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि 25 जनवरी से मैट्रिक और 28 जनवरी से इंटर की परीक्षा के एडमिट कार्ड डाउनलोड होने थे, लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। कुछ लोग पूर्व अध्यक्ष की पुनर्नियुक्ति के लिए पैरवी लगा रहे हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री नए सिरे से नियुक्ति चाहते हैं।
उन्होंने Social Media प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “हेमंत सरकार का यह खेल नियुक्ति-पुनर्नियुक्ति का नहीं, बल्कि भीतरखाने बोली लगवाकर जैक अध्यक्ष पद को बेचने का है। पहले तो सिर्फ बेरोजगार युवाओं को अपनी राजनीति का शिकार बनाते थे, लेकिन अब जैक अध्यक्ष पद के लिए भीतरखाने बोली लगवाकर स्कूली बच्चों को भी अपनी गंदी राजनीति में घसीट रहे हैं। शर्म करनी चाहिए ऐसी सरकार को!”