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अमरनाथ हादसा : दो महिलाओं का शव दिल्ली पहुंचा, परिजनों से मिले मुख्यमंत्री

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नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमरनाथ यात्रा  (Amarnaath Yatra) के दौरान बादल फटने से दिल्ली के अंबेडकर नगर इलाके की दो महिलाओं प्रकाशी और वीरमति के दुखद निधन पर शोक व्यक्त किया है।

सोमवार को मुख्यमंत्री मृतक महिलाओं के घर गए और परिजन से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी।

मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने दोनों महिलाओं के परिजन को दस-दस लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। साथ ही उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने का भी वादा किया।

केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा जो भी मदद हो सकेगी वे करेंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अमरनाथ यात्रा पर गए दिल्ली निवासी किसी भी तीर्थ यात्री के निधन पर उसके परिवार को भी 10-10 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंबेडकर नगर स्थित मदनगीर इलाके से वीरमति और प्रकाशी अमरनाथ जी की यात्रा पर गई थीं। वहां पर बहुत ही दुखद घटना हुई ।

अमरनाथ में बादल फटने की वजह से कई लोगों की मौत हुई । वहां पर अभी तक जितने शव मिले हैं, उनमें दिल्ली से यह दो महिलाएं भी थी।

वीरमति और प्रकाशी का अचानक बना था अमरनाथ यात्रा का कार्यक्रम

वीरमति और प्रकाशी, दक्षिणी दिल्ली के अंबेडकर नगर स्थित मदनगीर में परिवार के साथ रहती थीं। उनके परिजन ने बताया कि अमरनाथ यात्रा पर जाने की वीरमति की कोई योजना नहीं थी।

वो शुगर की मरीज थीं और अक्सर उनकी तबीयत खराब रहती थी। अचानक ही उन्होंने अमरनाथ यात्रा पर जाने की योजना बनाई थी।

परिजन ने बताया कि अमरनाथ यात्रा पर जाने की उनकी दिली इच्छा थी। इसलिए वे लोग उनको जाने से रोकना उचित नहीं समझे।

वीरमति के साथ उनकी भाभी प्रकाशी भी अमरनाथ की यात्रा पर गई थीं। दोनों निजी बस से दो जुलाई को अमरनाथ की यात्रा पर निकली थीं।

उनके साथ उनके परिवार से कोई आदमी नहीं गया था। परिजनों ने बताया कि दो दिन पहले उन लोगों को जानकारी मिली कि अमरनाथ में बादल फट गया है और इस हादसे में वीरमति और प्रकाशी का स्वर्गवास हो चुका है।

परिजनों ने बताया कि स्वर्गीय वीरमति (Late Veermati) एक गृहणी थी। उनके पति बालकिशन एनडीएमसी में कार्यरत थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

उनके चार बच्चे हैं। जिसमें एक बेटा और तीन बेटियां हैं। सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। बेटे की पत्नी का डेढ़ साल पहले स्वर्गवास हो चुका है।

वहीं, स्वर्गीय वीरमति की भाभी स्वर्गीय प्रकाशी के तीन बच्चे हैं, जिसमें एक बेटा व दो बेटी हैं और सभी की शादी हो चुकी है।

स्वर्गीय प्रकाशी की बड़ी बेटी सीमा के पति का भी स्वर्गवास हो चुका है और वो अपनी मां प्रकाशी के घर पर ही रहती है। स्वर्गीय प्रकाशी परिवार का खर्च चलाने के लिए हाउस कीपिंग (House keeping) की नौकरी करती थीं।

उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री स्वयं आएंगे और हमारी आर्थिक मदद करेंगे- आशा

वीरमति की बेटी आशा का कहना है कि हमें कोई उम्मीद नहीं थी कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) खुद हमारे घर दुख साझा करने के लिए आएंगे और हमारी आर्थिक मदद करेंगे। हमें अचानक से आज सुबह ही जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री हमसे मिलने के लिए आ रहे हैं।

हादसे से आधे घंटे पहले परिजनों से हुई थी फोन पर बात

परिजनों ने बताया कि स्वर्गीय वीरमति और स्वर्गीय प्रकाशी से बादल फटने की घटना से कुछ समय पहले ही फोन पर बात हुई थी।

दोनों ने बताया था कि वो लोग सही-सलामत अमरनाथ पहुंच गए हैं, लेकिन वहां तेज बारिश हो रही है।

उन लोगों ने बताया था कि हम बारिश में भीग रहे हैं और अब दर्शन करने जा रहे हैं। उसके बाद दोनों लोगों के निधन (death) की सूचना मिली।

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