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BJP ने मुझे एक उपहार दिया है, जान से मारने की धमकियों की चिंता नहीं….

  • राहुल गांधी ने वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में संबोधित करते हुए रखी अपनी राय
  • लोकसभा से अयोग्यता ने मेरे लिए पूरा आसमान खोल दिया
  • भाजपा ने मुझे खुद को परिभाषित करने के लिए एक मौका दिया
  • मानहानि मुकदमे में अब तक की सबसे बड़ी सजा मुझे मिली है, यह मेरे लिए वरदान

वाशिंगटन/नई दिल्ली: America की 6 दिवसीय यात्रा पर आए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का आने वाले दिनों में वॉशिंगटन डीसी (Washington DC) और न्यूयॉर्क (New York) में कई लोगों से मिलने का कार्यक्रम है।

उन्होंने Washington DC में गुरुवार को नेशनल प्रेस क्लब (National Press Club) में कहा, मेरी अयोग्यता का कई मायनों में फायदा हुआ है।

इसने मेरे लिए नया आसमां खोल दिया है, मुझे खुद को पूरी तरह से फिर से परिभाषित करने का मौका मिला है।

मुझे लगता है कि BJP ने मुझे एक उपहार दिया है, साफ कहूं तो मुझे नहीं लगता कि उन्हें इसका एहसास भी है।

BJP ने मुझे एक उपहार दिया है, जान से मारने की धमकियों की चिंता नहीं…. BJP has given me a gift, don't worry about death threats….

अभी स्पष्ट है कि उन्होंने मुझे एक दिया उपहार

पूर्व सांसद ने कहा, राजनीति सीधी रेखा की तरह नहीं है, यह पूरी तरह से एक अलग दिशा में जाती है, यह बेतरतीब होती है।

इसलिए मुझे लगता है कि अभी स्पष्ट है कि उन्होंने मुझे एक उपहार दिया है.. ।

गौरतलब है कि इस साल मार्च में राहुल को उनके खिलाफ मानहानि के एक मामले में अदालत द्वारा दोषी करार देने और दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

BJP ने मुझे एक उपहार दिया है, जान से मारने की धमकियों की चिंता नहीं…. BJP has given me a gift, don't worry about death threats….

मेरी अयोग्यता संसद में Adani पर भाषण के ठीक बाद

उन्होंने आरोप लगाया, मैं 1947 के बाद से भारतीय इतिहास में पहला व्यक्ति हूं, जिसे मानहानि के लिए सबसे बड़ी सजा दी गई है।

मेरी अयोग्यता संसद में Adani पर मेरे भाषण के ठीक बाद हुई। इससे यह स्पष्ट होना चाहिए कि देश में क्या चल रहा है।

राहुल ने आगे कहा कि उन्हें जान से मारने की धमकियों की चिंता नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा, मैं हत्या की धमकियों से चिंतित नहीं हूं।

हर किसी को मरना है। यही मैंने अपनी दादी (Indira Gandhi) और पिता (Rajiv Gandhi) से सीखा है – आप ऐसी किसी चीज के लिए पीछे नहीं हटते।

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