Bokaro News: बोकारो के नावाडीह निवासी फारूक अंसारी, पिता योगल मिया, ने नावाडीह थाना प्रभारी और पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फारूक ने आपकी विकास पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष से मिलकर अपनी व्यथा सुनाई।
उन्होंने बताया कि उन्होंने किसुन पंडित से 35 डिसमिल जमीन खरीदी थी, जिसके कागजात और रसीद उनके पास हैं। लेकिन नावाडीह के कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया, उनके घर का रास्ता बंद कर दिया, और जमीन पर मंदिर का निर्माण कर दिया।
पुलिस पर फर्जी मुकदमे का आरोप
फारूक ने आरोप लगाया कि नावाडीह पुलिस ने उन पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। इसके अलावा, पुलिस ने उनके घर पर भी कब्जा कर लिया। वह बोकारो से कोडरमा तक आपकी विकास पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे। उनकी शिकायत सुनने के बाद, पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ने तत्काल कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने बोकारो जिला प्रशासन, नावाडीह थाना प्रभारी हरविंदर सिंह, नावाडीह प्रखंड के सर्कल ऑफिसर (CO), और केस के जांच अधिकारी (IO) से फोन पर बात कर फारूक अंसारी के साथ हुई कथित बर्बरता पर दुख जताया और निष्पक्ष जांच के साथ न्यायोचित कार्रवाई की मांग की।
आंदोलन की चेतावनी
आपकी विकास पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि फारूक अंसारी को जल्द न्याय नहीं मिला, तो बोकारो जिले में आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही की पूरी जिम्मेदारी बोकारो जिला प्रशासन की होगी।
पहले भी जमीन विवाद को लेकर हुआ है तनाव
नावाडीह क्षेत्र में पहले भी जमीन विवाद को लेकर तनाव की स्थिति देखी गई है। 8 अप्रैल 2025 को नावाडीह प्रखंड के एक मौजा गांव में जमीन विवाद के बाद सांप्रदायिक तनाव की खबरें सामने आई थीं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने धारा 163 (BNS) के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी। इसके अलावा, 15 मई 2025 को नावाडीह थाना क्षेत्र में राम हेमलाल पंडित की हत्या के बाद स्थानीय लोगों ने थाने पर हमला कर तोड़फोड़ की थी, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे थे।
फारूक अंसारी की मांग
फारूक अंसारी ने अपनी जमीन और घर पर कथित अवैध कब्जे को हटाने, फर्जी मुकदमों की जांच, और पुलिस द्वारा की गई कथित बर्बरता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार इस उत्पीड़न से त्रस्त हैं और अब उनके पास न्याय की गुहार लगाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।




