भारत

चीनी वीजा घोटाला: कार्ति चिदंबरम को 30 मई तक गिरफ्तारी से अंतरिम राहत

ईडी ने कथित घोटाले के संबंध में कांग्रेस सांसद के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम को कथित चीनी वीजा घोटाले (Chinese Visa Scam) से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज धन शोधन मामले में गिरफ्तारी से 30 मई तक अंतरिम संरक्षण प्रदान किया।

ईडी ने कथित घोटाले के संबंध में कांग्रेस सांसद, उनके करीबी सहयोगी एस. भास्कररमन और अन्य के खिलाफ धन शोधन (money laundering) का मामला दर्ज किया था, जिन्होंने कथित तौर पर रिश्वत के बदले पंजाब में वेदांत समूह की एक पावर प्रोजेक्ट के लिए चीनी नागरिकों के लिए प्रोजेक्ट वीजा की सुविधा प्रदान की थी।

वीजा की सुविधा तब प्रदान कराई गई थी, जब कार्ति के पिता पी. चिदंबरम कांग्रेस शासन के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री थे।इससे पहले दिन में कार्ति मामले के संबंध में अपना बयान दर्ज कराने के लिए यहां मुख्यालय में सीबीआई के समक्ष पेश हुए।

सीबीआई के समक्ष पेश

बुधवार को कार्ति के चार्टर्ड अकाउंटेंट भास्कररमन(Chartered Accountant Bhaskararaman) को सीबीआई ने चेन्नई से कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

प्राथमिकी के अनुसार, मनसा (पंजाब) स्थित एक निजी फर्म तलवंडी साबो पावर लिमिटेड ने एक बिचौलिए की मदद ली और कथित तौर पर चीनी नागरिकों को समय सीमा से पहले एक परियोजना को पूरा करने के लिए वीजा जारी करने के लिए 50 लाख रुपये का भुगतान किया।

गुरुवार को मामले में सीबीआई(CBI) के सामने पेश होने के बाद कार्ति ने सभी आरोपों से इनकार किया और कहा कि उन्होंने एक भी चीनी नागरिक को इस प्रकार की कोई सुविधा प्रदान नहीं की है और मामला पूरी तरह से फर्जी है।

मामला पूरी तरह से फर्जी-कार्ति

सीबीआई के अनुसार, चेन्नई स्थित एक निजी व्यक्ति ने अपने करीबी सहयोगी के माध्यम से कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जिसे मानसा स्थित निजी कंपनी ने भुगतान किया था।

सीबीआई का आरोप है कि उक्त रिश्वत का भुगतान मानसा स्थित निजी कंपनी से चेन्नई के उक्त निजी व्यक्ति और उसके करीबी सहयोगी को मुंबई की एक कंपनी के माध्यम से कंसल्टेंसी के लिए उठाए गए झूठे चालान के भुगतान के रूप में किया गया था।

हाल ही में सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा था, मानसा स्थित निजी फर्म 1,980 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र (Thermal Power Plants) स्थापित करने की प्रक्रिया में थी और संयंत्र की स्थापना एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स की गई थी।

यह भी आरोप लगाया गया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम(Former Union Minister P. Chidambaram) ने कथित तौर पर नियमों की धज्जियां उड़ाकर चीनी नागरिकों को वीजा दिलाने में मदद की थी।

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