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तकनीकी उलझन से न डरें, प्रोफेसर बताएंगे क्या करें – क्या ना करें

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में 15 मार्च से ऑनलाइन बुक एग्जाम शुरू हो रहे हैं। इन एग्जाम में छात्रों को प्रश्नों के उत्तर से ज्यादा प्रश्न उत्तर डाउनलोड, अपलोड, पासवर्ड, इंटरनेट नेटवर्क जैसी तकनीकी बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

हर बार सैकड़ों छात्र तकनीकी बातों में उलझ कर रह जाते हैं। इसी उलझन को दूर करने के लिए अब एक खास टीम बनाई गई है। इसमें ऑनलाइन बुक एग्जाम के जानकर प्रोफेसर और छात्र शामिल हैं।

15 मार्च से फस्र्ट ईयर के ऑनलाइन बुक एग्जाम शुरू हो रहे हैं। इन परीक्षाओं में लगभग सवा लाख छात्र ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा देंगे।

प्रोफेसर्स और छात्रों की यह टीम पहली बार ऑनलाइन बुक एग्जाम में बैठ रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को होने परीक्षा संबंधी समस्याओं का समाधान प्रदान करेगी। इसका लाभ कॉलेजों, नॉन कॉलेजिएट व एसओएल के छात्रों को मिलेगा।

यह टीम दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) और छात्र संगठन सीवाईएसएस ने मिलकर बनाई है। कमेटी में उन शिक्षकों व छात्रों को शामिल किया गया है जो विश्वविद्यालय परीक्षा से संबंधित जानकारी रखते हैं।

कमेटी में डॉ. हंसराज सुमन को संयोजक और कमल तिवारी को सहसंयोजक बनाया गया है। सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनील कुमार, डॉ. मनोज कुमार सिंह व डॉ. नरेंद्र पांडेय इसमें शामिल हैं।

प्रोफेसर हंसराज ने आईएएनएस से कहा, छात्रों को निर्देश दिए गए हैं कि परीक्षा देने संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए सबसे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय की साइट पर जाकर पोर्टल से अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड करें।

परीक्षा से संबंधित कोई भी कार्य अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आई डी से करें। जिस मेल आईडी से छात्रों ने एग्जामिनेशन फॉर्म भरा है उसी आईडी से प्रश्न पत्र मिलेंगे और उसी ईमेल आईडी से अपनी उत्तर पुस्तिका को पोर्टल पर अपलोड करनी है।

प्रोफेसर डॉ सुनील कुमार ने कहा, परीक्षा से पूर्व अपनी ईमेल आईडी और उसके पासवर्ड को याद रखना अनिवार्य है, उसे कहीं पर लिख लें या याद रखें।

उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ सबमिट करते समय यह ध्यान रखें कि वह पासवर्ड प्रोटेक्टेड ना हो, नहीं तो पीडीएफ ओपन नहीं होगी और आपकी उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन या जांच नहीं हो पाएगी।

प्रत्येक प्रश्न के उत्तर की अलग-अलग पीडीएफ बनाएंगे और यह पीडीएफ 7 एमबी से अधिक नहीं हो। यदि छात्र चार प्रश्न करते हैं तो चार पीडीएफ बनाएंगे और प्रत्येक पीडीएफ 7 एमबी तक की होनी चाहिए।

कमेटी के सह संयोजक कमल तिवारी ने ओबीई परीक्षा संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों को अपना प्रश्न पत्र पूरा करने के लिए 3 घंटे का समय मिलेगा और एक घंटा अपलोड करने के लिए मिलेगा।

पीडब्ल्यूडी (पीपुल विथ डिसएबिलिटी-विक्लांग) छात्रों को कुल 6 घंटे का समय मिलेगा। छात्रों को जानकारी दी जाती है कि अपलोड करने के समय को छात्र अपलोड करने में ही प्रयोग करें अन्यथा अंतिम समय में कई बार नेटवर्क की समस्या उत्पन्न हो जाती है जिससे उत्तर अपलोड नहीं हो पाते, इसलिए छात्रों को समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

परीक्षा देते समय हर स्टेज पर आपको स्क्रीनशॉट लेकर प्रमाण सुरक्षित रखने हैं। प्रश्न पत्र का स्क्रीनशॉट, हर प्रश्न के उत्तर की पीडीएफ के जमा (सबमिशन) का स्क्रीनशॉट आपको संभाल कर रखना है।

अगर सबमिशन की एक्नॉलेजमेंट रिसिप्ट आती है तो उसका भी स्क्रीनशॉट लेना है और उसे सुरक्षित रखें क्योंकि कभी-कभी अपलोड ठीक से नहीं पहुंच पाने पर विश्वविद्यालय, कॉलेज छात्रों से उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ और सबमिशन का प्रूफ मांग सकती है।

गलत परीक्षा परिणाम के आने पर भी यह सब स्क्रीनशॉट्स और प्रूफ आपकी मदद करेंगे। चारों पीडीएफ सबमिट करने के पश्चात जब सबमिशन का एक्नॉलेजमेंट मिल जाता है तो पता चलेगा कि पेपर सबमिट हो गए है।

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