झारखंड

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को छोड़ पूरे विभाग का स्वास्थ्य नहीं ठीक: भानू प्रताप शाही

रांची: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Assembly) के बजट सत्र (Budget Session) में सोमवार को BJP विधायक भानू प्रताप शाही (Bhanu Pratap Shahi) ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री (Minister of Health) बन्ना गुप्ता (Banna Gupta) के स्वास्थ्य को छोड़कर पूरे विभाग का स्वास्थ्य ठीक नहीं है।

पूरा बजट पुराने साल के बजट का कॉपी है। कोमा (Comma) , फुल स्टॉप (Full Stop) भी नहीं हटाया गया है, सबसे घटिया बजट है।

भानू शाही ने कहा कि मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में MGH अस्पताल में सर्दी-खांसी तक की दवा नहीं है। मंत्री के क्षेत्र के 90 फीसदी अस्पतालों में आयुष्मान मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है।

पूरे राज्य में डॉक्टर के पद रिक्त हैं, मगर बहाली नहीं हुई, क्योंकि सरकार के पास कोई नियोजन नीति ही नहीं है।

रामचंद्र चंद्रवंशी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले डॉक्टरों का मामला उठाया

BJP विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने सदन में कहा कि सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले डॉक्टरों को पांच साल के लिए राज्य में ही रखा जाए, उन्हें बाहर जाने नहीं दिया जाए।

क्योंकि सरकारी खर्च पर पड़ने वाले डॉक्टर पढ़ाई पूरी करने के बाद तुरंत निजी अस्पतालों में राज्य और राज्य के बाहर चले जाते हैं, इससे हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित होती है।

इसलिए सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि सरकारी मेडिकल कॉलेज (Government Medical College) से पढ़ने वाले डॉक्टर कम से कम राज्य के सरकारी अस्पतालों में पांच साल तक सेवा दे सकें। इससे हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी।

पलामू प्रमंडल में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई

रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि पिछले वर्ष के बजट में सरकार ने स्वार्थ को लेकर जो जो घोषणा ही की थी वह एक भी पूरी नहीं हुई। यह सरकार महज घोषणाओं की सरकार रह गई है।

उन्होंने कहा कि आए दिन सरकारी अस्पतालों में दवा की कमी की खबरें आती रहती हैं इसलिए सरकार 1-2-3 महीना के लिए दवा नहीं खरीदें, बल्कि दवा की आपूर्ति और खरीदारी कम से कम छह महीना, एक साल के लिए करें, ताकि दवा की कमी ना हो सके।

उन्होंने कहा कि पलामू क्षेत्र में हमारे समय में सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में डॉक्टर रखे गए थे, मगर इनकी सरकार आने के बाद पलामू प्रमंडल में सरकारी अस्पतालों में लगभग डॉक्टर नहीं के बराबर है।

इससे पलामू प्रमंडल (Palamu Division) में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

कमीशन नहीं मिलने के कारण डीलर करते हैं कालाबाजारी

रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि अफसरों को गोदाम इंचार्ज बना दिया गया है।

मगर यह लोग गोदाम इंचार्ज का काम छोड़कर खाद्य आपूर्ति विभाग से आने वाले राशन को बोरा-बोरा नहीं, बल्कि ट्रक के ट्रक बेच दे रहे हैं और इसे देखने वाला कोई नहीं है।

BJP विधायक रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि कालाबाजारी को रोकने के लिए डीलरों को पा केजी और सात केजी का बोरा बनाकर आपूर्ति की जाए, इससे राशन की कालाबाजारी कम होगी और गबन कम होगा।

उन्होंने कहा कि डीलरों को महीनों से कमीशन नहीं मिला है, कमीशन नहीं मिलने के कारण डीलर भी कालाबाजारी करते हैं।

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