HomeभारतISRO ने फिर रचा इतिहास, PROBA -3 मिशन की हुई सफल लॉन्चिंग

ISRO ने फिर रचा इतिहास, PROBA -3 मिशन की हुई सफल लॉन्चिंग

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

Successful launch of PROBA-3 mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक बार फिर अपनी तकनीकी क्षमता और वैश्विक साझेदारी की मिसाल पेश करते हुए इतिहास रचने जैसा काम कर दिया है।

गुरुवार शाम 4:04 बजे श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV-C59 रॉकेट के जरिए Proba-3 मिशन की सफल लॉन्चिंग की गई। यह मिशन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से सूर्य के कोरोना के बीच के रहस्यमयी हिस्से की गहन अध्ययन करेगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 5 दिसंबर गुरुवार शाम 4:04 बजे प्रोबा-3 मिशन की सफल लॉन्चिंग कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह लॉन्चिंग PSLV-C59 रॉकेट के जरिए सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड-1 से की गई। यह मिशन इसरो और यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) का साझा प्रयास है, जिसमें सौर अध्ययन के लिए विशेष तकनीक से लैस दो सैटेलाइट्स को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया है।

Proba-3 मिशन में दो सैटेलाइट्स-कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट और ऑक्लटर स्पेसक्राफ्ट—को अंतरिक्ष में 600 बाई 60,530 किमी की अंडाकार कक्षा में स्थापित किया गया। ये दोनों सैटेलाइट्स 150 मीटर की सटीक दूरी पर एक लाइन में सूर्य के कोरोना (सूरज के बाहरी परत) का अध्ययन करेंगे।

कोरोनाग्राफ स्पेसक्राफ्ट (310 किलोग्राम): यह सैटेलाइट सूर्य की तरफ मुंह करके खड़ा होगा और सौर कोरोना की संरचना व उसकी गहराई का अध्ययन करेगा। इसमें एसोसिएशन ऑफ स्पेसक्राफ्ट फॉर पोलैरीमेट्रिक एंड इमेंजिंग इन्वेस्टिगेशन ऑफ Corona of the Sun उपकरण लगा है।

ऑक्लटर स्पेसक्राफ्ट (240 किलोग्राम): यह कोरोनाग्राफ के पीछे स्थित रहेगा और डिजिटल एब्सोल्यूट रेडियोमीटर उपकरण के जरिए डेटा का अध्ययन करेगा।

सौर अध्ययन में नया आयाम

प्रोबा-3 मिशन मुख्य रूप से सूर्य के उच्च कोरोना और निम्न कोरोना के बीच की काली जगह का विश्लेषण करेगा। इस अध्ययन से वैज्ञानिक सूर्य के डायनामिक्स, सौर हवाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। यह सैटेलाइट ग्रहण जैसी स्थिति बनाकर सूर्य की आंतरिक और बाहरी परतों की गहन स्टडी करेगा।

इस मिशन से सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष के मौसम के प्रभाव को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। यह मिशन अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की अग्रणी भूमिका और इसरो की वैश्विक प्रतिष्ठा को और मजबूत करता है। इस उपलब्धि के साथ, इसरो ने एक बार फिर दुनिया में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) की ताकत और विशेषज्ञता को साबित कर दिया है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...