झारखंड

CRPF के खिलाफ FIR को गवर्नर ने बताया गलत, CM से ED की पूछताछ के दौरान…

CP Radhakrishnan on CRPF: 20 जनवरी को CM हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से ED की पूछताछ के दौरान CM आवास के पास भारी तादाद में CRPF जवानों के पहुंचने की घटना पर उत्पन्न हुआ विवाद थम नहीं रहा।

अब इस मामले में राज्य के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) भी कूद पड़े हैं। बता दें कि इस घटना के बाद प्रशासन की ओर से CRPF के IG, कमांडेंट और जवानों पर धारा-144 के उल्लंघन के आरोप में FIR दर्ज कराई गई थी।

ऐसे हालात क्यों बने कि CRPF को वहां पहुंचना पड़ा?

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने CRPF के खिलाफ FIR दर्ज कराए जाने की कार्रवाई को गलत ठहराया है।

राज्यपाल ने गुरुवार को रांची में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे गए सवाल पर तल्ख अंदाज में कहा कि उस दिन CM हाउस के पास JMM के कार्यकर्ता गैरजरूरी रूप से पहुंचकर हंगामा क्यों कर रहे थे? ऐसा लग रहा था कि यह एक रणनीति के तहत हो रहा था। राज्यपाल ने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर ऐसे हालात क्यों बने कि CRPF को वहां पहुंचना पड़ा?

ED की टीम CM हाउस में हेमंत सोरेन से पूछताछ कर रही

गौरतलब है कि 20 जनवरी को जब ED की टीम CM हाउस में हेमंत सोरेन (Hemant Soren) से पूछताछ कर रही थी, तब वहां से कुछ दूरी पर JMM के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे थे।

रांची जिला प्रशासन का कहना है कि पूछताछ के दौरान विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसी दौरान CRPF के करीब 500 जवान खुद सीएम हाउस के पास पहुंच गए थे। प्रशासन ने न तो CRPF को बुलाया था और न ही इसकी अनुमति दी गई थी।

इस घटना को लेकर रांची के सर्किल ऑफिसर मुंशी राम ने मुख्यमंत्री आवास के आसपास धारा-144 के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए CRPF के महानिरीक्षक, कमांडेंट और अन्य कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई थी। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकर्ताओं और भीम आर्मी समर्थकों के खिलाफ भी अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

इस मामले में CMO ने राज्य सरकार के गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय से पूछा था कि CMO के पास प्रतिबंधित इलाके में 20 जनवरी को CRPF जवानों की एंट्री कैसे हुई थी?

CRPF ने सोची-समझी साजिश के तहत टुकड़ियां भेजी

सत्तारूढ़ पार्टी JMM का आरोप है कि CRPF ने सोची-समझी साजिश के तहत टुकड़ियां भेजी। वे बगैर अनुमति CM हाउस में प्रवेश करने लगे और JMM कार्यकर्ताओं से उलझने लगे। वे चाहते थे कि CM हाउस के पास प्रदर्शन कर रहे लोग उग्र होकर उन पर हमला कर दें।

यह साजिश सफल हो जाती तो राज्य में संवैधानिक तंत्र की विफलता का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति शासन लगाने की भूमिका तैयार की जा सकती थी। इस साजिश में CRPF के IG, कमांडेंट और अन्य अफसरों की संलिप्तता मानी जा रही है।

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