झारखंड

निचली अदालत में सरकारी कर्मी गवाही के दौरान बयान से कैसे पलटा, हाई कोर्ट ने…

झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) से जुड़े जमानत के एक मामले में सुनवाई हुई।

Jharkhand High Court: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) से जुड़े जमानत के एक मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान डीजी CID अनुराग गुप्ता कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए।

कोर्ट ने उनसे पूछा कि सरकारी कर्मी कैसे निचली अदालत में गवाही के दौरान बयान से मुकर (Hostile) गया। इस पर अनुराग गुप्ता की ओर से कोर्ट को स्पष्ट किया गया कि उस सरकारी कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

High Court ने रांची की निचली अदालत को मामले की ट्रायल जल्द पूरी करने का निर्देश देते हुए आरोपित बिरसा मुंडा की जमानत याचिका खारिज कर दी।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि याचिकाकर्ता लेबर है जो गाड़ी में सामान उतारने और चढ़ाने का काम करता है। दशम फॉल की पुलिस ने नशीले पदार्थ के रेड में उसे पकड़ा था। वाहन से 1640 किलो डोडा बरामद किया गया था। मामले को लेकर दशम फॉल थाना में कांड संख्या 13/ 2021 दिनांक 21 मई, 2021 दर्ज किया गया था।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि मामले में रांची सिविल कोर्ट में गवाही के दौरान बचाव पक्ष ने दशम फॉल चौकीदार से पूछा तो उसने कहा कि वह उस दिन वह ड्यूटी पर नहीं था, वह छुट्टी पर था जबकि प्राथमिकी (FIR) के अनुसार जो जब्ती सूची तैयार किया गया था उसमें उस चौकीदार का नाम था।

चौकीदार ने पुलिस की इस रेड टीम का सदस्य नहीं बताया था। हाई कोर्ट ने सरकारी कर्मचारी के द्वारा गवाही के दौरान मुकरने को गंभीरता से लेते हुए डीजी सीआईडी को तलब किया था।

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