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कांके विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण मामले में दोनों पक्षों ने वापस ली अपील

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Caste Proof Case of Kanke MLA Samri Lal: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में कांके विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण मामले में सुरेश बैठा एवं राज्य सरकार की अपील के अलावा समरी लाल की दाखिल अपील की सुनवाई गुरुवार को हुई।

कोर्ट को बताया गया कि समरी लाल के खिलाफ चुनाव याचिका पर High Court ने फैसला सुरक्षित रखा है। इसके बाद वादी एवं प्रतिवादी ने इस अपील को वापस ले लिया गया।

सुरेश बैठा एवं राज्य सरकार की अपील वापस होने के साथ राज्य जाति छानबीन समिति को समरी लाल के मामले में अंतिम आदेश पारित करने की छूट मिल गई है।

अपील पर पूर्व के सुनवाई में Court ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा था कि राज्य जाति छानबीन समिति की जांच कांके विधायक समरीलाल के मामले में जारी रहेगी लेकिन समिति अंतिम आदेश पारित नहीं करेगी लेकिन गुरुवार को इन तीनों अपील के वापस लिए जाने के बाद यह अंतरिम राहत समाप्त हो गया है।

हाई कोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की कोर्ट ने समरी लाल की याचिका स्वीकार करते हुए राज्य छानबीन समिति द्वारा समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने को गलत करार दिया था। साथ ही राज्य छानबीन समिति द्वारा समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र को खारिज किए जाने के आदेश को रद्द कर दिया था।

राज्य जाति छानबीन समिति से कांके विधायक समरीलाल का जाति प्रमाण पत्र खारिज किए जाने के मामले में हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ High Court की खंडपीठ में राज्य सरकार एवं सुरेश बैठा की अपील दाखिल की गई। समरी लाल की अपील में राज्य जाति छानबीन समिति की जांच प्रक्रिया को रोकने का आग्रह किया गया था।

पूर्व की सुनवाई में राज्य सरकार और सुरेश बैठा की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया था कि समरी लाल मूल रूप से राजस्थान के निवासी हैं, उनके पूर्वज माइग्रेट होकर झारखंड आए हैं।

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