Jharkhand News: राज्य भर में सुहागिन महिलाएं 26 मई को वट सावित्री व्रत मनाएंगी। सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है, जो ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी अमावस्या को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होकर 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी। उसी दिन सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी।
वट सावित्री व्रत विवाहित महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना से जुड़ा है। यह पर्व सावित्री की अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाने की पौराणिक कथा से प्रेरित है।
मान्यता है कि वट वृक्ष की पूजा से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य आता है। यह व्रत पापों का नाश करता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
विश्व हिंदू परिषद, सेवा विभाग और प्रणामी ट्रस्ट के प्रांतीय प्रवक्ता संजय सर्राफ ने कहा कि वट सावित्री व्रत धार्मिक आस्था के साथ-साथ महिलाओं के साहस, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। यह पर्व भारतीय समाज में महिलाओं की शक्ति और परिवार के प्रति उनके समर्पण को दर्शाता है, साथ ही परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना का अवसर प्रदान करता है।