Homeझारखंडहजारीबाग बड़कागांव गोलीकांड मामला : पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और उनकी पत्नी...

हजारीबाग बड़कागांव गोलीकांड मामला : पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को 10 साल की सजा

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

रांची: हजारीबाग के बड़कागांव के चीरूडीह में 2016 में हुए हिंसा मामले में पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी को रांची व्यवहार न्यायालय ने गुरुवार को 10 साल की सजा सुनाई है।

लंबी सुनवाई के बाद अलग-अलग धाराओं में अलग-अलग सजा सुनाई गई है। जुर्माना भी लगाया गया है।

इससे पहले अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने 22 मार्च को दोनों को दोषी करार दिया था। अदालत ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव के बेटे अंकित को बरी कर दिया था।

इस मामले में निर्मला देवी और योगेंद्र साव जेल में हैं। योगेंद्र साव और निर्मला देवी की बेटी विधायक अंबा प्रसाद न्यायालय पहुंची हुई हैं।

उल्लेखनीय है कि बड़कागढ़ के चिरूडीह के खनन क्षेत्र में एनटीपीसी को जमीन दी गई गई थी। पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व तत्कालीन विधायक निर्मला देवी अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे।

15 सितंबर, 2016 को निर्मला देवी समर्थकों के साथ कफन सत्याग्रह पर बैठ गई। यह सत्याग्रह 30 सितंबर तक जारी रहा।

एक अक्टूबर की सुबह छह बजे एएसपी कुलदीप कुमार, सीओ शैलेश कुमार सिंह अन्य पुलिस अधिकारी व जवानों के साथ मौके पर पहुंचे।

सत्याग्रह कर रहे लोगों को विरोध समाप्त करने की अपील की। नहीं मानने पर पुलिस बल ने विधायक निर्मला देवी को हिरासत में ले लिया।

इसके बाद पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई। भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला कर विधायक को छुड़ा लिया था।

हिंसा में एसएसपी कुलदीप, सीओ शैलेश कुमार सिंह सहित कई अधिकारी व जवान घायल हो गए। विरोध प्रदर्शन कर रहे चार लोगों की भी मौत हो गई।

आनन-फानन में घायल अधिकारियों को एयरलिफ्ट कर रांची के मेडिका अस्पताल लाया गया। दो अक्टूबर, 2016 को बड़कागांव में प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसमें पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, तत्कालीन विधायक निर्मला देवी एवं अंकित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई।

दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज

योगेंद्र साव पर बड़कागांव हिंसा केस के अलावा दो दर्जन से ज्यादा मामले हजारीबाग के विभिन्न थानों में दर्ज थे।

योगेंद्र साव केस प्रभावित न कर सकें, इसको देखते हुए अप्रैल 2019 के प्रथम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जुड़े सभी मामले रांची की अदालत में स्थानांतरित करने का आदेश दिया।

योगेंद्र साव को रांची के ट्राइल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 15 अप्रैल, 2019 को योगेंद्र साव ने रांची की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। तब से वे जेल में हैं।

आरोपितों के खिलाफ 19 अप्रैल, 2018 को आरोप गठन किया गया। तीन दिसंबर 2016 को आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

अभियोजन पक्ष की ओर से 20, जबकि आरोपितों ने अपने बचाव में सात गवाह पेश किए। अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव व उनकी पत्नी निर्मला देवी को 325 (गंभीर रूप से घायल करने), 326 (आगजनी), 148 (दंगा फसाद), 307 (हत्या की कोशिश), 188 (निषेधाज्ञा का उलंघन), 153 (सरकारी कार्य में बाधा), 120बी (षडयंत्र करना) सहित अन्य धाराओं में दोषी ठहराया है।

spot_img

Latest articles

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...

खनिज भूमि पर सेस बढ़ा, विकास और पर्यावरण को मिलेगा सहारा

Cess on Mineral Land Increased: झारखंड सरकार ने खनिज धारित भूमि पर लगने वाले...

खबरें और भी हैं...

चूटूपालू घाटी में ट्रेलर का कहर, कई गाड़ियां चपेट में, दर्जनभर से ज्यादा घायल

Accident in Chutupalu Valley: जिले में शनिवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ। चूटूपालू...

रजरप्पा के पास हाथियों की दस्तक, जनियामारा में दहशत का माहौल

Elephants Arrive Near Rajrappa : रामगढ़ जिले के रजरप्पा क्षेत्र में जंगली हाथियों (Wild...

सदर अस्पताल रांची की बड़ी उपलब्धि, तीन क्षेत्रों में मिला सम्मान

Sadar Hospital Ranchi's big Achievement: सदर अस्पताल रांची ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में...