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खबरों में बने रहने के लिए चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं मनीष सिसोदिया: वीरेन्द्र सचदेवा

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नई दिल्ली: Delhi के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा जेल से देश के नाम पर चिट्ठी (Letter) लिखकर प्रधानमंत्री मोदी की शिक्षा पर सवाल खड़ा करने की कड़ी आलोचना करते हुए BJP ने आरोप लगाया है कि भ्रष्टाचार (Corruption) के पर्याय बन चुके दो महीने से जेल में बंद सिसोदिया सिर्फ खबरों में बने रहने के लिए चिट्ठी-चिट्ठी का खेल रहे हैं।सिसोदिया की चिट्ठी पर पलटवार करते हुए भाजपा के दिल्ली

प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि गत लम्बे समय से Manish Sisodia दिल्ली एवं देश में भ्रष्टाचार के पर्याय के रूप में देखे जा रहे हैं और दो माह से जेल में रहने से उनकी राजनीतिक प्रासंगिकता पूरी तरह खत्म हो गई है इसलिए अब केवल खबरों में बने रहने के लिए हर कुछ दिन बाद जेल से पत्र लिखकर चर्चा करवाते हैं और चिठ्ठी-चिठ्ठी का खेल खेलने में लगे हुए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि दूसरों की शैक्षणिक योग्यता (Educational Qualification) पूछ रहे मनीष सिसोदिया से दिल्ली वाले यह जानना चाहते हैं कि खुद उनकी शैक्षणिक योग्यता क्या है।

राजनीतिक प्रासंगिकता भी खत्म हो रही

सचदेवा ने आगे कहा कि सिसोदिया एवं उनके राजनीतिक गुरू अरविंद केजरीवाल जानते हैं कि कोर्ट में जमानत ना मिलने से उनकी बची खुची राजनीतिक प्रासंगिकता (Political Relevance) भी खत्म हो रही है और इसीलिए वह प्रधानमंत्री पर टिप्पणी (Comment) कर खबरों मे बने रहना चाह रहे हैं।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि जेल से दो ही लोग आजकल पत्र लिखकर चर्चा में हैं – मनीष सिसोदिया और सुकेश चंद्रशेखर।

हैप्पीनेस क्लास करवाने पर ज्यादा ध्यान

केजरीवाल और सिसोदिया पर दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था (Education System) बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए सचदेवा ने कहा कि पिछले 8 साल से सिसोदिया दिल्ली के शिक्षा मंत्री के रूप मे नहीं बल्कि एक इवेंट मैनेजर (Events Manager) की तरह स्कूलों पर काम करते रहे, जिसका नतीजा है कि आज सरकारी स्कूलों में 9वीं एवं 11वीं में 40 प्रतिशत तक छात्र या तो फेल होते हैं या कम्पार्टमेंट आते हैं।

यहां तक कि 10वीं एवं 12वीं के नतीजे भी बेहाल हैं क्योंकि सिसोदिया ने स्कूलों में टीचर्स लगा कर पढ़ाई का स्तर सुधारने की बजाय एक इवेंट मैनेजर की तरह हैप्पीनेस क्लास करवाने पर ज्यादा ध्यान दिया।

स्कूलों में प्रिंसिपल (Principal) की जगह अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्कूल मैनेजर (School Manager) लगा कर धन एवं साधनों की बबार्दी की।

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