झारखंड

महान फुटबॉल खिलाड़ी माराडोना का 60 साल की उम्र में निधन

ब्यूनस आयर्स: फुटबॉल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में गिने जाने वाले अर्जेटीना के डिएगो माराडोना का 60 साल की उम्र में निधन हो गया।

वह सिर में ब्लड़ क्लॉट की सर्जरी के बाद दो सप्ताह पहले ही अस्पताल से लौटे थे।

माराडोना की तीन नवंबर को सर्जरी हुई थी।

उनके निजी डॉक्टर लियो पोल्डो ल्यूक्यू ने कहा है कि माराडोना एब्सटिनेंस के कारण असमंजस की स्थिति से परेशान थे।

वह हालांकि अच्छी तरह से ठीक हो गए थे और अस्पताल से वापस आ गए थे और टिग्रे में अपने घर में रह रहे थे।

उनके वकील मातियास मारला ने कहा कि 1986 में अर्जेटीना को फीफा विश्व कप दिलाने वाला यह खिलाड़ी शायद अपने जिंदगी के सबसे मुश्किल समय से वापसी कर अच्छा महसूस कर रहा था।

दुनिया के महान फुटबॉल खिलाड़ियों में शुमार माराडोना की कप्तानी में ही अर्जेटीना ने विश्व कप जीता था।

इस विश्व कप में माराडोना ने कई अहम पल दिए थे जिन्हें आज भी याद किया जाता है जिसमें से सबसे बड़ा और मशहूर पल इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में आया था जब उनके द्वार किए गए गोल को गोल ऑफ द सेंचुरी कहा गया था।

उन्होंने 60 यार्ड से भागते हुए इंग्लैंड की मिडफील्ड को छकाते हुए गोल किया था।

ब्यूनय आयर्स के बाहरी इलाके में 30 अक्टूबर 1960 में पैदा हुए माराडोना ने 1976 में अपने शहर के क्लब अर्जेटीनाोस जूनियर्स के लिए सीनियर फुटबाल में पदार्पण किया था।

इसके बाद वह यूरोप चले गए जहां उन्होंने स्पेन के दिग्गज क्लब बार्सिलोना के साथ पेशेवर फुटबाल खेली।

1984 में कोपा डेल रे के फाइनल में विवाद के कारण स्पेनिश क्लब के साथ उनका सफर खत्म हुआ।

इसके बाद वह इटली के क्लब नापोली गए जो उनके करियर के सबसे शानदार समय में गिना जाता है।

क्लब के साथ उन्होंने दो सेरी-ए, कोपा इटालिया और एक यूईएफए कप के खिताब जीते।

वह क्लब से उसके सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी के तौर पर विदा हुए।

उनके रिकार्ड को 2017 में मारेक हानिसिक ने तोड़ा।

इसके बाद उन्होंने स्पेनिश क्लब सेविला और फिर अर्जेटीना के नेवेल के साथ करार किया।

कोच के तौर पर वह अपनी राष्ट्रीय टीम के साथ 2008 से 2010 तक रहे।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker