झारखंड

झारखंड के लोगों का इम्युनिटी पावर बेहतर, हेल्थ मिनिस्टर बन्ना गुप्ता ने…

साथ ही कहा कि झारखंड के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर है और हमारी Advance Planning अन्य राज्यों से अच्छी है

रांची : स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने कहा कि TB उन्मूलन के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि गांवों को समृद्ध किए बिना TB से नहीं लड़ा जा सकता। साथ ही कहा कि झारखंड के लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity Power) बेहतर है और हमारी Advance Planning अन्य राज्यों से अच्छी है। राज्य में प्रति एक लाख लोगों में से 1022 लोगों को जांच के दायरे में लाया जा रहा है।

झारखंड में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य दिसम्बर 2024 तक रखा गया

गुप्ता राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित टीबी वर्क प्लेस पॉलिसी एंड कॉरपोरेट इंगेजमेंट टू एंड टीबी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए कार्ययोजना तैयार कर ससमय कार्य करते हुए लक्ष्य को प्राप्त करना है। अभी तक राज्य में 57567 टीबी मरीजों की पहचान की गई है। झारखंड में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य दिसम्बर 2024 तक रखा गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम की शुरूआत आज से कर रही है। प्रथम दस टीबी मुक्त पंचायत के प्रतिनिधियों को राज्य सरकार की ओर से राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही सभी टीबी मुक्त पंचायतों को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान दिये जाएंगे।

पंचायतों में शिविर लगाकर टीबी की जांच होः श्रम मंत्री

श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि सभी जिलों तथा अन्य अस्पतालों में टीबी के लिए अलग विंग बनाया जाना चाहिए। इससे लोगों को जांच कराने में संकोच नही होगा। उन्होंने कहा कि पंचायत में शिविर लगाकर टीबी की जांच की जानी चाहिए। हार्ड टू रिच एरिया में भी जांच जरूरी है।

उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति को यदि टीबी हो और वह इलाजरत नहीं हो, तो साल में लगभग 10 से 15 नए लोगों को संक्रमित कर सकता है ।

हमारे उद्योग, कल कारखानों में कार्य करने वाले अधिकारी – कर्मचारी इत्यादि एक दूसरे से बहुत नजदीक होकर कार्य करते हैं, जिससे उनमें एक दूसरे से संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है।

साथ ही बहुत सारे उद्योगों, खासकर खनन क्षेत्र के कामगार धूलकण के वातावरण में रहते हैं, वहां फेफडे़ की बीमारी का खतरा अधिक रहता है और बीमार फेफडे में टीबी संक्रमण का खतरा अधिक हो जाता है । कार्य क्षेत्र को टीबी मुक्त करने हेतु सरकार का यह एक सराहनीय कदम है ।

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, डीडीजी, टीबी डिवीजन डॉ. राजेन्द्र पी जोशी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।

इस अवसर पर उद्योग सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, श्रम सचिव राजेश शर्मा, अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी, अपर अभियान निदेशक, निदेशक प्रमुख डॉ वीरेन्द्र प्रसाद सिंह, विद्यानन्द शर्मा पंकज, राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत प्रसाद तथा अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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