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मालेगांव ब्लास्ट केस : BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ NIA कोर्ट ने जारी किया वारंट

विशेष NIA कोर्ट ने वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बार-बार अनुपस्थित रहने पर BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ सोमवार को जमानती वारंट जारी किया और छूट आवेदन खारिज कर दिया।

Malegaon Blast Case : विशेष NIA कोर्ट ने वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में बार-बार अनुपस्थित रहने पर BJP सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ सोमवार को जमानती वारंट जारी किया और छूट आवेदन खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा, “यह विशेष रूप से निर्देशित किया गया था कि आरोपी नंबर 1 (Pragya Singh Thakur) को उनके आवेदन पर विचार करते हुए Medical Certificate के साथ 11 मार्च को उपस्थित होना होगा।

उपरोक्त निर्देशों के बावजूद न तो वह उपस्थित हैं और न ही Original Medical Certificate Record पर प्रस्तुत किया गया है। इसलिए, मैं वर्तमान आवेदन को अनुमति देने का इच्छुक नहीं हूं।”

इसके बाद कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 10 हजार रुपये का जमानती वारंट जारी किया।

गौरतलब है कि इससे पहले, कोर्ट ने Medical Ground पर इस चेतावनी के साथ प्रज्ञा सिंह ठाकुर के छूठ देने वाले आवदेन को स्वीकृति दे दी थी कि अगर वह अगर वह 27 फरवरी 2024 से कोर्ट में पेश होने में विफल रहती हैं, तो कोर्ट उनके खिलाफ “आवश्यक कदम” उठायेगा।

बता दें कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर 11 अन्य आरोपियों के साथ IPC की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, भारतीय शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत मामले में मुकदमे का सामना कर रही हैं। अदालत फिलहाल CrPC की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है।

पिछली तारीख पर कोर्ट ने कहा था कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर और कुछ अन्य आरोपी तय तारीख पर नियमित रूप से कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

अदालत ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ठाकुर सहित कुछ आरोपी, जो दूसरे राज्यों के निवासी हैं, ने अपनी अनुपस्थिति का कारण अंतिम समय में टिकट प्राप्त करने में कठिनाई का हवाला दिया है।

कोर्ट ने बताया कि इस समस्या का समाधान करने के लिए सभी आरोपियों को पेश होने की तारीखें पहले ही दे दी जाती हैं, जिससे ऐसे आधारों पर छूट का आधार खत्म हो जाता है। कोर्ट ने चिकित्सा आधार पर छूट के लिए ठाकुर की याचिका पर विचार किया था, लेकिन उन्हें 27 फरवरी से बिना किसी असफलता के उपस्थित होने का निर्देश दिया था।

इसके अलावा, अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि सभी आरोपियों को उनके बयानों की रिकॉर्डिंग पूरी होने तक उन्हें दी गयी निश्चित तारीखों पर उपस्थित रहना होगा। इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि मुंबई में रहना और खराब स्वास्थ्य की स्थिति में शहर में दवा लेना आरोपी के लिए एक व्यवहार्य विकल्प है।

कोर्ट ने कहा, “यह उल्लेख करना भी आवश्यक है कि सभी आरोपियों को CrPC की धारा 313 के तहत बयान पूरा होने तक दी गयी निश्चित तारीखों पर उपस्थित रहना होगा। कहने की जरूरत नहीं है कि इस उद्देश्य के लिए, वे मुंबई में रह सकते हैं और यदि स्वास्थ्य खराब है, तो उन्हें मुंबई में भी दवा मिल सकती है।”

सोमवार को NIA की ओर से SPP अविनाश रसाल और अनुश्री रसाल उपस्थित थे और प्रज्ञा सिंह ठाकुर की ओर से अधिवक्ता प्रशांत मग्गू उपस्थित हुए। उन्होंने मेडिकल कारणों का हवाला देते हुए छूट मांगी थी। हालांकि, कोर्ट आश्वस्त नहीं हुआ और प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया। वहीं, कई अन्य वकील अन्य अभियुक्तों की ओर से पेश हुए और उन्हें छूट दी गयी।

क्या है मामला?

बता दें कि 29 सितंबर 2008 में उत्तर महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किमी दूर स्थित मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में लगे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट (Explosion) हो गया था। इस विस्फोट से छह लोगों की मौत हो गयी थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे।

शुरुआत में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते द्वारा इस मामले की जांच की गयी, लेकिन बाद में मामला 2011 में NIA को स्थानांतरित कर दिया गया। प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो वर्तमान में भोपाल से BJP सांसद हैं, इस मामले के आरोपियों में से एक हैं।

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