भारत

पीएम मोदी ने भारत को बताया G-7 का स्वाभाविक सहयोगी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सत्तावाद, आतंकवाद, दुष्प्रचार और आर्थिक जबरदस्ती के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से लोकतंत्र और विचारों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए जी7 और उसके सहयोगियों के लिए स्वाभाविक सहयोगी है।

पीएम मोदी ने अपने आभासी संबोधन में ब्रिटिश समुद्र तटीय रिसोर्ट कॉर्नवाल में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन और खुले समाज पर दो आउटरीच सत्रों को संबोधित किया।

इस बैठक में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और यूएस के नेता एक साथ आए, जबकि भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और दक्षिण अफ्रीका अतिथि देशों के रूप में चयनित सत्रों में शामिल हुए।

यह सम्मेलन ब्रिटेन के कॉर्नवाल में 11 से 13 तक हुआ। कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से यह पहली बार था जब समूह के नेता व्यक्तिगत रूप से मिले।

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि बैठक में देश की भागीदारी जी7 के भीतर समझ को दर्शाती है कि भारत की भागीदारी और समर्थन के बिना प्रमुख वैश्विक संकटों का समाधान संभव नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि भारत प्रमुख वैश्विक मुद्दों जैसे टीकों तक पहुंच, आपूर्ति श्रृंखलाओं के विविधीकरण, आर्थिक लचीलापन और जलवायु कार्रवाई के निर्माण पर जी7 और उसके सहयोगियों के साथ जुड़ा रहेगा।

पीएम मोदी, जो “खुले समाज और खुली अर्थव्यवस्था” पर आउटरीच सत्र में मुख्य वक्ता थे, ने लोकतंत्र, विचार की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत जी7 और अतिथि देशों के लिए एक स्वाभाविक सहयोगी है, जो सत्तावाद, आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद, दुष्प्रचार और सूचना और आर्थिक जबरदस्ती से उत्पन्न खतरों से इन साझा मूल्यों की रक्षा करता है।”

पीएम मोदी ने आधार, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और जेएएम (जन धन-आधार-मोबाइल) तीनों के माध्यम से भारत में सामाजिक समावेश और सशक्तीकरण पर डिजिटल प्रौद्योगिकियों के क्रांतिकारी प्रभाव को भी रेखांकित किया।

पीएम मोदी ने मुक्त समाजों में निहित संवेदनशीलताओं का जिक्र किया और प्रौद्योगिकी कंपनियों तथा सोशल मीडिया मंचों का आह्वान किया कि वे अपने उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित साइबर परिवेश सुनिश्चित करें।

कोविड-19 महामारी का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि जी-7 सत्रों में भारत की भागीदारी से समूह की यह सोच प्रतिबिंबित होती है कि हमारे समय की सबसे बड़ी समस्या का समाधान भारत की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि भारत स्वास्थ्य सहित सभी बड़े मुद्दों पर जी-7 और अतिथि साझेदारों के साथ गहराई से जुड़ा रहेगा।

विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जी-7 शिखर सम्मेलन में कोविड रोधी टीकों पर पेटेंट छूट संबंधी भारत और दक्षिण अफ्रीका के प्रस्ताव पर विषय वस्तु आधारित चर्चा के लिए व्यापक समर्थन था।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker