झारखंड

अब 3-AC कोच में होंगे 83 स्लीपर बर्थ, किफायती होगा सफर

नई दिल्ली: आधुनिक सुविधाओं के साथ इन दिनों रेलवे कोच की संख्या बढ़ाने की जगह कोच में ही सीटों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहा है।

कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री ने इसमें कामयाबी भी हासिल की है।

इंजीनियरों की टीम ने पहले के मुकाबले करीब पंद्रह प्रतिशत कोच की संख्या बढ़ा दी गई है।

ट्रायल के बाद इस कोच से यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी।

कपूरथला कोच फैक्ट्री में नये डिजाइन वाले एलएचबी कोच पैमाने पर खरा उतरा तो आने वाले दिनों में मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में एसी-थ्री वाले कोच की संख्या स्लीपर की जगह ज्यादा संख्या में लगेगी।

क्योंकि इस कोच का किराया सामान्य एसी-थ्री कोच के मुकाबले कम रखा जाएगा और स्लीपर कोच से थोड़ा अधिक।

रेल मंत्रालय भी इस पहल को पहले ही मंजूरी दे चुका है।

नये डिजाइन वाले इस कोच में 72 की जगह 83 सीटें बनाई गई हैं।

इस कोच में लेग स्पेस में महज कुछ इंचों की कमी की गई है। कंपार्टमेंट के पार्टिशन में कंपोजिट मटेरियल लगा कर मोटाई कम की गई है।

बेडरोल रखने वाले स्थान को भी बर्थ बनाने में इस्तेमाल किया गया है।

गेट के समीप स्विच बोर्ड की जगह को भी इस्तेमाल किया है। हर बर्थ के लिए पढने के रीडिंग लाइट और मोबाइल चार्जिग प्वाइंट भी लगाए गए हैं।

बीच वाले व ऊपर वाले बर्थ पर जाने के लिए अलग तरीके से डिजाइन की सीढ़ी लगाई गई है।

इस तरह के एक कोच में ही 11 बर्थ अतिरिक्त उपलब्ध हो जाएगा।

अगर 20 कोच वाली पूरी ट्रेन होगी तो इसमें 220 बर्थ पर अतिरिक्त यात्री सफर कर सकेंगे।

ट्रायल के लिए लखनऊ स्थित रेलवे के अनुसंधान, डिजायन एवं मानक संगठन को भेज दिया गया है। रेल मंत्री ने नये डिजाइन के कोच के वीडियो को ट्वीट कर इसकी विशेषता को सांझा किया है।

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