झारखंड

सरकारी कर्मियों के लिए रिटायरमेंट के बाद पेंशन सबसे बड़ा सहारा होता है: हेमंत सोरेन

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि सरकारी कर्मियों के लिए Retirement के बाद Pension सबसे बड़ा सहारा होता है। यह उनके बुढ़ापे की लाठी होती है।

ऐसे में वे पूरे मान-सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें। इस बाबत हमने राज्य सरकार के कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को झारखंड विधानसभा परिसर (Jharkhand Assembly Complex) में झारखंड सचिवालय सेवा संघ एवं झारखंड विधानसभा सचिवालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा यह निर्णय लिए जाने के बाद अन्य राज्यों में भी सरकारी कर्मचारी (Government Employee) पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने की मांग उठा रहे हैं।

इस अवसर पर राज्य सरकार के कर्मियों ने यह अहम फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री श्री हेमन्त सोरेन के प्रति आभार जताते हुए उनका जोरदार स्वागत और अभिनंदन किया।

यहां के संसाधनों पर स्थानीय लोगों का हक

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में संसाधनों की कमी नहीं है। यहां के लोग भी मेहनतकश हैं। फिर भी उनको उनका उचित हक और अधिकार नहीं मिलता है।

यहां के संसाधनों का इस्तेमाल दूसरे राज्यों में हो रहा है। लेकिन हमारी सरकार अब इसे लेकर काफी गंभीर है। यहां के संसाधनों पर आदिवासियों और मूलवासियों (Aborigines and Aborigines) का हक है और उन्हें हम यह देने का सिलसिला शुरू कर चुके हैं, जो अनवरत जारी रहेगा।

यह सरकार सबकी सुनेगी सबकी करेगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हर वर्ग और तबके के प्रति सरकार (Government) की संवेदनाएं हैं । सरकार सभी की सुनेगी और सभी की करेगी, इसी संकल्प के साथ सभी के कल्याण और विकास के लिए कार्य कर रही है । हमने ऐसी योजनाएं शुरू की है , जिसकी सराहना देश के साथ विदेशों में भी हो रही है ।

इन योजनाओं का लाभ राज्य वासियों को मिले ,इस दिशा में हम पूरी संवेदना और तेजी के साथ कार्य कर रहे हैं और आपसे सहयोग की भी उम्मीद करते हैं।

तय कर रखा है लक्ष्य, इस दिशा में नहीं रुकेंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास (Development Of The State) के लिए हमने लक्ष्य रख कर रखा है । इस राह में चाहे कितने भी रोड़े आए, हम ना भटकेंगे और ना ही रुकेंगे । हर हाल में राज्य को आगे ले जाएंगे ।

आज हम राज्य वासियों को पूरे मान सम्मान के साथ उनका हक और अधिकार देने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की सेवा दे रहे किसी भी श्रेणी के कर्मी हो ।

पहले वे अपनी मांगों और समस्याओं (Demands And Problems) को लेकर सड़कों पर आंदोलन करते थे। धरना प्रदर्शन का दौर हमेशा चलते रहता था ।

फिर भी उनकी मांगे नहीं सुनी जाती थी ।हमारी सरकार में सभी की समस्याओं का निराकरण पूरी संवेदना के साथ हो रहा है । अब आपको सड़कों पर आंदोलन देखने को नहीं मिलेगा।

हम शांति और सहानुभूति (Peace And Sympathy) के साथ यथोचित समस्याओं का निराकरण करने का सिलसिला प्रारंभ कर चुके हैं।

मौके पर मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने झारखंड विधानसभा परिसर की पेंशन वाटिका में पौधारोपण किया । वहीं सचिवालय कर्मियों द्वारा मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों को झारखंड एटलस नाम की पुस्तक सप्रेम भेंट की गई ।

कार्यक्रम को विधानसभा अध्यक्ष डॉ रविंद्र नाथ महतो (Dr. Ravindra Nath Mahto) ने भी संबोधित किया । मौके पर मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर , विधायक दीपक बिरूवा, पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद और विधानसभा के सचिव विशेष रूप से मौजूद थे।

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