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समीर वानखेड़े को राहत, मुस्लिम होने के नहीं मिले सबूत

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मुंबई: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व संभागीय निदेशक समीर वानखेड़े को जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) सत्यापन समिति से बड़ी राहत मिली है।

इस बात का कोई सबूत नहीं है कि Sameer Wankhede और उनके पिता ने Islam Religion अपना लिया। इसलिए जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति ने फैसला दिया है कि उनका हिंदू महार जाति प्रमाण पत्र मान्य है।

इससे Sameer Wankhede को जहां दिलासा मिली है, वहीं Caste Certificate सत्यापन समिति का निर्णय पूर्व मंत्री नवाब मलिक के लिए करारा झटका  माना जा रहा है।

प्रशासनिक सेवा में नौकरी पाने के दौरान अपनी जाति गलत बताई थी

राष्ट्रवादी Congress Party के नेता तथा पूर्व मंत्री नवाब मलिक समेत चार लोगों ने समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) के खिलाफ जाति सत्यापन समिति में शिकायत दर्ज कराई थी।

मलिक ने आरोप लगाया था कि समीर वानखेड़े ने प्रशासनिक सेवा (Administrative Services) में नौकरी पाने के दौरान अपनी जाति गलत बताई थी।

मलिक ने दावा किया कि वह धर्म से मुसलमान (Muslim) है। हालांकि, Caste Certificate सत्यापन समिति ने कहा है कि इस शिकायत में कोई सच्चाई नहीं है।

ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है। इसलिए कमेटी ने इस शिकायत (Complaint)  को खारिज कर दिया है।

Sameer Wankhede का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी था

उल्लेखनीय है कि आर्यन खान ड्रग्स केस (Drugs Case) को लेकर Sameer Wankhede सुर्खियों में आए थे। इस मामले में भी NCB के तत्कालीन संभागीय निदेशक Sameer Wankhede की जांच को लेकर कई आरोप लगे थे।

NCB के नेता नवाब मलिक ने तब आरोप लगाया था कि Sameer Wankhede का जन्म प्रमाण पत्र फर्जी था। उस समय Nawab Malik ने Media के सामने समीर वानखेड़े के मुसलमान होने का सबूत पेश किया।

वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद है। मलिक ने आरोप लगाया था कि इसे बदलने की कोशिश की गई।

वानखेड़े का सर्टिफिकेट Online उपलब्ध नहीं है

Mumbai जैसी जगहों पर जन्म प्रमाण पत्र आसानी से Online उपलब्ध हैं। वानखेड़े की बहन का Certificate ऑनलाइन उपलब्ध है लेकिन वानखेड़े का सर्टिफिकेट Online उपलब्ध नहीं है।

हमने रजिस्टर चेक किया। हम इस पेपर को डेढ़ महीने से ढूंढ रहे थे। तब यह स्कैन दस्तावेज प्राप्त हुआ था। मैं अपने बयान पर कायम हूं।

Gyaneshwar Wankhede जन्म से दलित हैं। उन्होंने वाशिम से जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया। इसी आधार पर काम किया। मझगांव में रहते हुए उन्होंने स्वर्गीय जायदा खान से शादी की और दाऊद खान बन गए।

इसके बाद उनके दो बच्चे पैदा हुए। यह एक सच्चाई है कि पूरा परिवार Muslim के रूप में रह रहा था। समीर वानखेड़े ने अपने पिता के पहले के दस्तावेजों के आधार पर अपने दस्तावेज तैयार किए।

Nawab Malik ने आरोप लगाया था कि उसने एक फर्जी दस्तावेज की मदद से एक पिछड़े वर्ग के बच्चे का अधिकार छीन लिया।

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