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कश्मीर में मस्जिद के इमाम की जुड़वा बेटियों ने पहले ही प्रयास में पास किया NEET परीक्षा, कश्मीर में लहराया परचम

इसके अलावा, श्रीनगर के एक ही संयुक्त परिवार की तीन बेटियों (जुड़वां बहनों सहित) ने भी नीट परीक्षी पास कर कश्मीर का परचम लहराया है

UGC NEET 2023 : UGC नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2023 के नतीजे घोषित होने के साथ ही कश्मीर घाटी (Kashmir Valley) चर्चा में है।

यहां कुछ दिलचस्प नतीजे सामने आए हैं। कुलगाम के एक इमाम (धार्मिक मौलवी) की जुड़वां बेटियों (Twin Daughters) ने परीक्षा पास की है।

इसके अलावा, पुलवामा (Pulwama) में एक हाउस पेंटर ने भी अच्छे अंक प्राप्त किए हैं।

इसके अलावा, श्रीनगर के एक ही संयुक्त परिवार की तीन बेटियों (जुड़वां बहनों सहित) ने भी नीट परीक्षी पास कर कश्मीर का परचम लहराया है।

कश्मीर में मस्जिद के इमाम की जुड़वा बेटियों ने पहले ही प्रयास में पास किया NEET परीक्षा, कश्मीर में लहराया परचम Twin daughters of the Imam of the mosque in Kashmir passed the NEET exam in the first attempt, hoisted the flag in Kashmir

वाटू गांव में खुशी की लहर

स्थानीय मस्जिद के इमाम सैयद सज्जाद (Imam Syed Sajjad) की जुड़वां बेटियों के नीट पास करने पर कुलगाम के दक्षिणी जिले के वाटू गांव में खुशी की लहर है।

सैयद साबिया और सैयद बिस्माह ने अपने पहले ही प्रयास (Attempt) में क्रमश: 625 और 570 अंक हासिल किए।

साबिया और बिस्माह की मां एक टीचर हैं जबकि उनके बुजुर्ग दादा भी इमाम रह चुके हैं।

सैयद बिस्माह ने कहा, “जब हमने सुना कि Result आ गया है तो हम बहुत डर गए थे। जब हमने देखा कि हम दोनों ही पास हो गए हैं, हम बहुत खुश थे और हमारे माता-पिता भी खुश थे। ”

 

जुड़वां बेटियों ने क्या कहा ?

लड़कियां बहुत खुश हैं और उन्होंने अपने माता-पिता के साथ-साथ श्रीनगर (Srinagar) के एक कोचिंग सेंटर (Coaching Center) के शिक्षकों की भी सराहना की है।

साबिया ने एक अच्छे कॉलेज के मिलने की उम्मीद जताते हुए कहा, “हमारे माता-पिता, शिक्षकों और ग्रामीणों ने हमें विश्वास दिलाया।हमारे इलाके के सभी लोग कहते थे कि हम जरूर कुछ करेंगे।”

बिस्माह ने कहा कि जो क्वालिफाई (Qualify) नहीं कर पाए या ज्यादा स्कोर नहीं कर पाए उन्हें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए।

उन्होंने कहा, “कुछ भी असंभव नहीं है। अगर इस साल नहीं तो अगले साल निश्चित तौर पर होगा। अगर कोई किसी अन्य सेक्टर में जाना चाहता है, तो उसे अनुमति दी जानी चाहिए। नीट के नतीजों से जीवन नहीं रुकता है।”

परिवार ने काफी मुश्किलों का किया सामना- पिता

सैयद सज्जाद (Syed Sajjad) ने कहा कि उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ किया ताकि उनकी बेटियां पढ़ सकें।

उन्होंने कहा, “वे श्रीनगर में एक कोचिंग सेंटर में जाना चाहती थीं और हमने उन्हें भेजा। मैंने कड़ी मेहनत की।”

परिवार ने काफी मुश्किलों का सामना किया लेकिन सब कुछ सहा ताकि बेटियां Qualify कर सकें।

वे कहते हैं, “जब भी उन्हें मेरी जरूरत थी, मैं वहां मौजूद होता था। यहां तक कि मैं मस्जिद तक नहीं जाता था ताकि मैं वहां जा सकूं – उन्हें जीवन की जरूरतें, किताबें और अन्य सभी चीजें मुहैया करा सकूं।”

बिना कोचिंग के नीट पास करने वाला पेंटर

एक और सरप्राइज (Surprise) पुलवामा के एक लड़के उमर अहमद गनी ने दिया। अहमद गनाई एक हाउस पेंटर हैं।

उन्होंने 601 अंक हासिल किए। एक आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाले गनी किसी भी निजी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकते थे और दिन में घर की पेंटिंग (Paintings) या मजदूरी (Labour) के काम के लिए जाते थे और रात में पढ़ाई करते थे।

वे कहती हैं, “जब मुझे NEET के परिणामों के बारे में पता चला तो मैं एक घर में पेंटिंग कर रहा था। मैं बहुत खुश था।”

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