
Varicella-Zoster Virus: क्या आपको पता है कि आपके शरीर में एक ऐसा वायरस छिपा हो सकता है, जो आने वाले वर्षों में आपके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है? Varicella-Zoster Virus (VZV), जो बचपन में चिकनपॉक्स का कारण बनता है, भारत में 90% से अधिक लोगों के शरीर में मौजूद रहता है।
यह वायरस वर्षों तक निष्क्रिय रह सकता है, लेकिन उम्र बढ़ने और इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर यह शिंगल्स (Shingles) नामक बीमारी को जन्म दे सकता है।
शिंगल्स के लक्षण और संभावित खतरे
शिंगल्स होने पर शरीर पर लाल चकत्ते और फफोले हो सकते हैं, जो जलन और झनझनाहट पैदा कर सकते हैं। कुछ मामलों में, यह वायरस आंखों तक फैल सकता है, जिससे दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके अलावा, पोस्ट हेर्पेटिक न्यूरेलेजिया (PHN) जैसी दीर्घकालिक परेशानियां हो सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, शिंगल्स से पीड़ित लोगों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी अधिक रहता है।
भारतीयों में जागरूकता की कमी
GSK द्वारा किए गए एक सर्वे में यह सामने आया कि 50 साल और उससे अधिक उम्र के 90% भारतीयों में यह वायरस मौजूद है, लेकिन इनमें से 56।6% लोगों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं है।
इसके अलावा, 61% भारतीय पहले से ही डायबिटीज, दिल की बीमारी, अस्थमा, और किडनी रोग जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन केवल 49।8% लोग शिंगल्स को लेकर चिंतित हैं।
कैसे करें बचाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि सही जीवनशैली और प्रिवेंटिव हेल्थकेयर (Lifestyle and Preventive Healthcare) को अपनाकर शिंगल्स से बचा जा सकता है। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को शिंगल्स वैक्सीन लेने की सलाह दी जाती है। नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित आहार से भी इस बीमारी के खतरे को कम किया जा सकता है।
भारतीयों का आत्मविश्वास और लापरवाही
हालांकि इस सर्वे में एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया कि 55।7% भारतीय खुद को अपनी वास्तविक उम्र से छोटा महसूस करते हैं। 24% लोग तो यह मानते हैं कि वे कम से कम 10 साल छोटे दिखते हैं। लेकिन, केवल 25% भारतीय ही बीमारियों से बचाव के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं।