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जेलेंस्की के सूट के बाद अब रामास्वामी के नंगे पैर होने पर भड़के अमेरिकन

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Accused of promoting anti-American culture: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई मुलाकात में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को इसलिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा था क्योंकि वह सूट पहनकर ट्रंप से नहीं मिले थे।

ट्रंप के साथ पत्रकारों का सामना करते समय तो एक अमेरिकी पत्रकार ने जेलेंस्की से सूट न पहनने को लेकर सवाल भी पूछ लिया था।

अब ट्रंप के सहयोगी भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी को लेकर विवाद शुरू किया गया है।

रामास्वामी पर एंटी अमेरिकन कल्चर को बढ़ावा देने का आरोप लगा है।

विवेक रामास्वामी का साक्षात्कार

विवेक रामास्वामी का एक साक्षात्कार सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें अपने घर पर नंगे पैर दिखाया गया है।

इसके लिए भारतीय अमेरिकी उद्यमी रामास्वामी की आलोचना हो रही है।

रामास्वामी के अपने घर में नंगे पैर बैठने को असभ्य और एंटी अमेरिकन कहा जा रहा है।

जिस साक्षात्कार के लिए उन्हें निशाने बनाया गया है, वह पिछले साल का है।

सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही फोटो के साथ एक यूजर ने लिखा कि विवेक कभी भी ओहायो के गवर्नर नहीं बनेंगे।

यह अमेरिका के लिए अस्वीकार्य है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

एक अन्य यूजर ने कहा कि विवेक को कम से कम मोजे तो पहनने चाहिए थे।

उसने लिखा- शायद जब आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य में किसी पद के लिए इंटरव्यू दे रहे हों, तो कम से कम मोजे तो पहने ही होंगे। है ना?

एक अन्य यूजर ने लिखा कि नंगे पांव रहकर हमें शिक्षा पर व्याख्यान देना कितना असभ्य था।

हर कोई उनकी आलोचना ही नहीं कर रहा है।

कुछ यूजर्स विवेक के बचाव में भी आए हैं। एक ने विवेक की नंगे पैर होने पर आलोचना को सबसे मूर्खतापूर्ण तर्क करार दिया।

उन्होंने ये भी कहा कि नंगे पैर अपने घर में जाना एंटी-अमेरिकन नहीं है।

मुझे लगता है कि बहुत से लोग सिटकॉम देखते हुए बड़े हुए हैं, जहां वे बिस्तर पर अपने जूते पहनते हैं।

भारतीय परंपरा का समर्थन

कुछ दूसरे यूजर्स ने बताया कि घरों के अंदर जूते उतारना एक सांस्कृति है, जिसमें दक्षिण और पूर्वी एशिया भी शामिल है।

एक अन्य यूजर ने लिखा, करीब सभी भारतीय अपने घरों में नंगे पैर चलते हैं।

इसमें कुछ भी गलत नहीं है। एक दूसरे यूजर ने कहा कि भारतीय परंपरा में किसी के घर में प्रवेश करने से पहले जूते उतारने की प्रथा है।

इसे सम्मान और स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है, क्योंकि यह बाहर से गंदगी और कीटाणुओं को घर में आने से रोकता है।

इस प्रथा का व्यापक रूप से पालन किया जाता है।

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