झारखंड

सचिवालय और अन्य सरकारी ऑफिसों का पेमेंट सिस्टम होगा पेपरलेस, इसके लिए…

इस Pilot Project की सफलता के बाद राज्य के सभी कोषागारों में सभी तरह के विपत्रों के भुगतान के लिए पेपरलेस भुगतान प्रणाली (Paper Less Payment System) अपनायी जाएगी

Paperless Payment System in Govt. Offices : सचिवालय (Secretariat) सहित अन्य सरकारी कार्यालयों (Government Offices) में पेमेंट सिस्टम (Payment System) को पेपरलेस (Paper Less) करने का निर्णय चंपाई सोरेन सरकार (Champai Soren Government) ने लिया है।

इसके लिए 12.40 करोड़ का Software खरीदा जाएगा।

प्रधान महालेखाकार कार्यालय से बीच समन्वय स्थापित करने के लिए 1.56 करोड़ का सॉफ्टवेयर लगाया जाएगा।

E-Sign या डिजिटल साइन (Digital Sign) के लिए दो करोड़ का सॉफ्टवेयर खरीदा जाएगा।

वित्त विभाग (Finance Department) ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

इस प्रक्रिया को राज्य सरकार पायलट प्रोजेक्ट (Pilot Project) के रूप में शुरू कर रही है। यह छह महीने तक का होगा।

इस Pilot Project की सफलता के बाद राज्य के सभी कोषागारों में सभी तरह के विपत्रों के भुगतान के लिए पेपरलेस भुगतान प्रणाली (Paper Less Payment System) अपनायी जाएगी

डाटा बेस रहेगा सुरक्षित

वित्त विभाग के अनुसार, पेपरलेस भुगतान प्रणाली से संबंधित इलेक्ट्रॉनिक डाटा (Electronic Data), डाटा लॉग (Data Log), डिजिटल साइन बिल (Digital Sign Bill) और डॉक्यूमेंट (Document) अगल डाटा बेस में सुरक्षित रहेगा।

इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए IFMS एप्लिकेशन मॉड्यूल में आवश्यक बदलाव वित्त विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट द्वारा किया जाएगा।

सॉफ्टवेयर SNA स्पर्श से सरकारी कर्मियों के साथ केंद्र प्रायोजित योजनाओं की राशि का भुगतान पेपरलेस प्रक्रिया से किया जाएगा।

इस सिस्टम को लागू करने के लिए राजस्थान (Rajasthan), ओडिशा (Odisha) और बिहार (Bihar) में अपनायी जा रही प्रक्रिया का भी अध्ययन किया गया है।

इस प्रकार काम करेगा पेपरलेस सिस्टम

पेपरलेस सिस्टम के तहत निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी कार्यालय से DDO लेवल बिल मैनेजमेंट सिस्टम में ही विपत्र तैयार किए जाएंगे।

इसके बाद लिपिक द्वारा टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन से सिस्टम में लॉगिन कर डिजिटली विपत्र तैयार किया जाएगा।

फिर आधार बेस्ट OTP के माध्यम से निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा।

निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी टू फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन से DDO लेवल बिल मैनेजमेंट सिस्टम (Bill Management System) में लॉगिन कर विपत्र की जांच करेंगे।

इसके बाद ई-साइन या डिजिटल साइन करेंगे। यह विपत्र ई-बिल (E-Bill) कहलाएगा।

फिर निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी द्वारा ई-बिल को कोषागार कार्यालय में ऑनलाइन अग्रसारित किया जाएगा।

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