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NEET-PG काउंसलिंग स्कीम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका, दिव्यांग उम्मीदवार…

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में नई NEET-PG काउंसलिंग स्कीम 2023 (NEET-PG Counseling Scheme 2023) के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि यह दिव्यांग (PWD) उम्मीदवारों को उनके आरक्षण के वैध अधिकार से वंचित करता है।

इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए, अब तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने PWD उम्मीदवारों के लिए किसी भी श्रेणी में न्यूनतम योग्यता प्रतिशत मानदंड को कम नहीं किया है।

रितु रेनिवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया…

MOHFW और NMC का यह फैसला भी उनके पिछले छह सालों के ट्रेंड से डिपार्चर है।

वकील रोहित सिंह और रितु रेनिवाल के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, ”2017 से NEET-PG Exam  की शुरुआत से लेकर पिछले साल NEET-PG Exam  2022 तक, MOHFW और NMC ने पीजी मेडिकल परीक्षा विनियमन 2000 के विनियमन 9 (3) के प्रावधान को लागू करते हुए, रिक्त पीजी सीटों को भरने के लिए पीजी काउंसलिंग के दूसरे दौर में हर साल Cut-Off Criteria को कम कर दिया है।”

इसमें कहा गया है कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (Medical Counseling Committee) की वेबसाइट के अनुसार, वर्तमान शैक्षणिक 2023-24 में बहुत सारी सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं, MOHFW और NMC  ने किसी भी श्रेणी में न्यूनतम प्रतिशत मानदंड को कम करने का कोई निर्णय नहीं लिया है।

याचिका में अनुमान लगाया गया है कि इस बात की पूरी संभावना है कि MOHFW और NMC रिक्ति दौर शुरू होने से पहले न्यूनतम प्रतिशत मानदंड को कम कर देंगे क्योंकि पीजी काउंसलिंग के तीसरे दौर में बहुत सारी पीजी सीटें अभी भी खाली पड़ी हैं।

याचिका में दावा किया गया, ”नई नीट पीजी काउंसलिंग योजना 2023 (NEET PG Counseling Scheme 2023) में, चैप्टर-3 में एक सीट रूपांतरण एल्गोरिदम प्रदान किया गया है।

इस एल्गोरिदम के अनुसार, काउंसलिंग के थर्ड राउंड में PWD SC/ST/OBC सहित सभी PWD सीटें उनकी उच्च Non-PWD Category  में ट्रांसफर कर दी जाएंगी।

इसलिए, काउंसलिंग के थर्ड राउंड के अंत में PWD की कैटेगिरी में कोई सीटें उपलब्ध नहीं होंगी।”

इसमें कहा गया है कि यह रूपांतरण एल्गोरिदम यहां याचिकाकर्ताओं के PED कैटेगिरी में सीट का दावा करने के सभी मौलिक अधिकारों को छीन रहा है क्योंकि उन्हें NEET PG 2023 परीक्षा की आरक्षण नीति में भी यही अधिकार दिया गया था।

दिव्यांग व्यक्तियों को शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण

याचिका में कहा गया, ”शारीरिक दिव्यांगता वाले व्यक्ति समाज का सबसे कमजोर वर्ग हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 और 14 के आदेश के अनुसार जीवन के हर पहलू में दिव्यांग व्यक्तियों के संवैधानिक और मौलिक अधिकारों की रक्षा करना राज्य की जिम्मेदारी है।”

इसमें कहा गया है कि शारीरिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों (Persons with Disabilities) को शिक्षा और सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण उन्हें अपने सामान्य समकक्षों की तरह एक सम्मानजनक सामान्य जीवन जीने का अवसर देता है।

इस मामले को 18 और 19 सितंबर को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किए जाने की संभावना है।

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