Jharkhand closed: 4 जून को आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाए गए झारखंड बंद के दौरान रांची के कांके में प्रदर्शनकारियों ने कांके चौक और रिंग रोड पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दी। सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप निर्माण के विरोध में यह बंद सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला।
प्रदर्शनकारियों ने सभी प्रकार के वाहनों, जिसमें बारात की गाड़ियां और आपातकालीन सेवा (एंबुलेंस) के वाहन शामिल थे, को रोक दिया। यह प्रशासन के उस दावे के विपरीत है, जिसमें 3 जून की प्रेस वार्ता में कहा गया था कि शादी की गाड़ियों और आपात सेवाओं को बंद से छूट दी जाएगी।
प्रदर्शन का कारण
आदिवासी संगठनों, विशेष रूप से केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ संघर्ष मोर्चा और आदिवासी बचाओ मोर्चा, का कहना है कि सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर का रैंप उनके पवित्र सरना स्थल की पवित्रता और पहुंच को नुकसान पहुंचा रहा है।
सरहुल जैसे उत्सवों में लाखों आदिवासी इस स्थल पर जुटते हैं, और रैंप के कारण शोभायात्रा में बाधा उत्पन्न हो रही है। संगठनों ने सरकार पर आदिवासी भावनाओं की अनदेखी और तानाशाही का आरोप लगाया है।
जमीनी हालात और जनता की परेशानी
कांके चौक, सिरमटोली चौक, जेल चौक और रिंग रोड पर प्रदर्शनकारियों ने बांस-बल्ली और टायर जलाकर सड़कें अवरुद्ध कर दीं, जिससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थानीय लोगों, बारातियों और मरीजों को ले जा रहे वाहनों को घंटों तक रोके जाने से भारी असुविधा हुई। कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों और राहगीरों के बीच कहासुनी भी हुई।
रांची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए करीब 1,000 जवानों को तैनात किया और ड्रोन व CCTV से निगरानी की, लेकिन जाम के कारण यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
रांची जिला प्रशासन और पुलिस ने बंद को देखते हुए पहले ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। DC और SSP ने निर्देश दिया था कि यातायात, छात्रों, और आपात सेवाओं को बाधित न किया जाए। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने इन निर्देशों की अनदेखी की।
पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और सड़क जाम हटाने की कोशिश की। रांची डीसी ने पहले ही चेतावनी दी थी कि उपद्रव या तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।