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झारखंड बंद : सिरमटोली फ्लाईओवर रैंप विवाद में आदिवासी संगठनों का चक्का जाम, रांची में कांके, टाटीसिलवे और सिमडेगा में सड़क जाम

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Jharkhand Closed: आदिवासी बचाओ मोर्चा और केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली बचाओ मोर्चा द्वारा सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर रैंप विवाद को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद के तहत बुधवार, 4 जून 2025 को रांची और अन्य जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं।

बंद सुबह 6 बजे से शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला। रांची के ग्रामीण इलाकों जैसे कांके, टाटीसिलवे, रातू, ओरमांझी और मांडर में बंद का व्यापक असर देखा गया, जहां प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और बांस-बल्ली लगाकर यातायात ठप कर दिया। सिमडेगा और कुज्जू में भी सड़क जाम की खबरें हैं।

राहगीरों के साथ तनातनी

आदिवासी संगठनों का कहना है कि सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप का निर्माण उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था पर हमला है। सरहुल शोभायात्रा जैसे आयोजनों में लाखों आदिवासी इस स्थल पर जुटते हैं, और रैंप से उनकी पहुंच बाधित हो रही है।

प्रदर्शनकारियों ने बारात और आपातकालीन वाहनों को भी रोका, जिससे जनता को भारी असुविधा हुई। यह प्रशासन के उस दावे के विपरीत है, जिसमें 3 जून को कहा गया था कि शादी और आपात सेवाओं को छूट दी जाएगी। कांके चौक, जेल चौक, सिरमटोली चौक और रिंग रोड पर वाहनों की लंबी कतारें लगीं, और कुछ जगहों पर राहगीरों के साथ तनातनी भी हुई।

राजधानी में 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात

रांची पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। DIG सह SSP चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी में 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, और ड्रोन व CCTV से निगरानी की जा रही है। उन्होंने बंद समर्थकों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की और चेतावनी दी कि तोड़फोड़ या हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी।

सिमडेगा के झूलन सिंह चौक पर एसडीपीओ बैजू उरांव, सदर सीओ इम्तियाज अहमद और थाना प्रभारी रोहित रजक ने जाम हटवाया। कुज्जू में रांची-हजारीबाग रोड पर जाम को हटाने के लिए पुलिस प्रयासरत है।

आदिवासी संगठनों की मांगें

आदिवासी बचाओ मोर्चा ने रैंप हटाने, पेसा कानून लागू करने, सरना धर्म कोड, और मारंग बुरू, पारसनाथ पहाड़, लुगुबुरु जैसे धार्मिक स्थलों की रक्षा की मांग की है। संगठनों ने हेमंत सोरेन सरकार पर आदिवासी अस्मिता की अनदेखी का आरोप लगाया।

पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, और आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं। 5 जून को राजभवन के समक्ष धरना देने की भी घोषणा की गई है।

बंद को ऐतिहासिक बनाने का दावा

सिरमटोली रैंप विवाद पिछले कई महीनों से चल रहा है। 22 मार्च 2025 को रांची बंद, 27 मई को राजभवन के सामने धरना, और 18 मार्च को मानव शृंखला जैसे प्रदर्शन हो चुके हैं।

27 मई को प्रदर्शन के बाद गीताश्री उरांव सहित 21 लोगों पर FIR दर्ज की गई थी। आदिवासी संगठनों ने इसे दमनकारी कार्रवाई बताया और बंद को ऐतिहासिक बनाने का दावा किया।

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