Abbas Ansari gets big relief from High Court!: मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने मऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट द्वारा दी गई 2 साल की सजा को रद्द कर दिया है।
जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच के इस फैसले के बाद अब्बास की मऊ सदर विधानसभा सीट की विधायकी बहाल हो जाएगी, जिससे इस सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
क्या था मामला?
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। 3 मार्च 2022 को मऊ में एक चुनावी जनसभा में उन्होंने अधिकारियों को “देख लेने” की धमकी दी थी।
इसके बाद 4 मार्च 2022 को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास, उनके भाई उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज हुआ। चुनाव आयोग ने उनके बयान को संज्ञान में लेते हुए कार्रवाई की थी।
MP-MLA कोर्ट ने सुनाई थी सजा
मऊ की MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने 31 मई 2025 को अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा और 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। इस फैसले के आधार पर 1 जून 2025 को उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद अब्बास ने जिला जज मऊ की कोर्ट में अपील की, लेकिन 5 जुलाई 2025 को उनकी अपील खारिज हो गई।
हाईकोर्ट में मिली जीत
अब्बास ने जिला जज के आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनके वकील उपेंद्र उपाध्याय ने पक्ष रखा, जबकि यूपी सरकार की ओर से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एम.सी. चतुर्वेदी ने MP-MLA कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का विरोध किया।
दोनों पक्षों की बहस के बाद हाईकोर्ट ने 30 जुलाई 2025 को फैसला रिजर्व किया था और बुधवार, 20 अगस्त 2025, को सजा रद्द करने का आदेश सुनाया।
क्या करेगी यूपी सरकार?
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है। हालांकि, फिलहाल अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो गई है, जिससे मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस फैसले ने क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।