Homeझारखंडदिल्ली सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अस्पतालों में कोरोना बेड आरक्षण...

दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अस्पतालों में कोरोना बेड आरक्षण बहाल

Published on

spot_img
spot_img
spot_img

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसदी आईसीयू बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखे जाने के आदेश पर रोक हटा दी है।

जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली में कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर पिछले 12 सितम्बर के आदेश पर लगी रोक हटाने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 26 नवम्बर को सिंगल बेंच करेगी।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार को तीन दिनों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि हेल्थ इमरजेंसी में किसी भी व्यक्ति को दर-दर की ठोकर नहीं खाना पड़े, ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

दिल्ली सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाये रखे और उसकी मानिटरिंग करे। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार की ओर से पेश एएसजी संजय जैन से पूछा कि वह अपने 12 सितम्बर के आदेश को लेकर बैठी है जबकि पिछले एक महीने में हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।

कोर्ट ने पूछा कि आपने राधास्वामी सत्संग केयर सेंटर में कितने कोरोना मरीजों को अपने अस्पतालों से शिफ्ट किया है। गरीब मरीजों को वहां तक पहुंचने के लिए क्या साधन उपलब्ध करवा रहे हैं।

कोर्ट ने कहा कि हमारे सवालों को आलोचना के रूप में मत लीजिए। कोर्ट यह जानना चाहता है कि कि आखिर हम किस राह पर चल रहे हैं।

कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि आपके पास इस आपात स्थिति से निपटने के लिए क्या रणनीति है? कोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य सरकार का मुद्दा है और यह उसके नागरिकों का मूलभूत अधिकार है। नीति बनाना राज्य का विशेषाधिकार है।

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा कि सेंट्रल दिल्ली में संत परमानंद अस्पताल, गंगाराम अस्पताल समेत छह अस्पताल हैं, जिनमें आईसीयू बेड आरक्षित रखने का आदेश दिया गया है।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, राममनोहर लोहिया अस्पताल और दो अन्य अस्पतालों में भी कोरोना मरीजों के लिए बेड आरक्षित करने का आदेश जारी किया जाएगा। संजय जैन ने कहा कि गैर कोरोना मरीजों के लिए बचे 20 फीसदी आईसीयू बेड का 75 फीसदी ही इस्तेमाल हो रहा है।

पिछले 10 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के निजी अस्पतालों को अपने आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर पर हाईकोर्ट की ओर से लगी रोक को हटाने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को हाईकोर्ट जाने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट को 12 नवम्बर को इस मामले पर सुनवाई करने का आदेश दिया था।

पिछले 22 सितम्बर को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था। जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने दिल्ली सरकार के आदेश को संविधान की धारा 21 के खिलाफ बताया।

सिंगल बेंच ने कहा था कि बीमारी खुद कभी आरक्षण का आधार नहीं बन सकती है। सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में याचिका दायर की है। पिछले 28 सितम्बर को चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगने से इनकार कर दिया था।

spot_img

Latest articles

जिला अदालत भवन निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त, मांगी पूरी रिपोर्ट

High Court Strict on Construction of District court Building : राज्य की जिला अदालतों...

पलामू में आधुनिक पुलिस व्यवस्था की ओर बड़ा कदम, बनेगा 6 मंजिला बहुउद्देश्यीय पुलिस भवन

Major step Towards Modern Policing in Palamu: पलामू जिले में पुलिस व्यवस्था को और...

स्मार्ट मीटर में बैलेंस नेगेटिव होते ही कट रही बिजली, रांची में हजारों कनेक्शन बंद

Electricity Department Tightens Rules : रांची में स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumers)...

खबरें और भी हैं...