हिंदू पंचांग के मुताबिक आज से शुरू हो गया खरमास, अब 13 अप्रैल तक इस माह…
इस दौरान सूर्य 17 मार्च को उत्तराभाद्रपद और 31 मार्च को रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेगा। 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है
Hindu Panchang: हिंदू समाज में रीति-रिवाज का सारा सिस्टम पंचांग पर आधारित है। हिंदू पंचांग के अनुसार सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाता है।
खरमास में शुभ और मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। ज्योतिष प्रणव मिश्रा के अनुसार सूर्य 14 मार्च को दोपहर 3.12 बजे कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास शुरू हो जाएगा।
हिंदू समाज में खरमास के दौरान कोई भी शुभ काम करने की नहीं है परंपरा
इस दौरान सूर्य 17 मार्च को उत्तराभाद्रपद और 31 मार्च को रेवती नक्षत्र में प्रवेश करेगा। 13 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे मांगलिक कार्यों के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं होता है।
इन दिनों में विशेष रूप से मंत्र जाप, दान और स्नान करने का विशेष महत्व है।
खरमास में भागवत कथा सुननी और पढ़नी चाहिए। खरमास में खुद को शांत रखना चाहिए और तामसिक भोजन करने से परहेज करना चाहिए। यह एक पारंपरिक आस्था है, जिसका अधिकतर लोग पालन करने की कोशिश करते हैं।
शादी-विवाह जैसे मांगलिक कामों को करने की मनाही
ज्योतिषों के अनुसार, जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन या फ धनु राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसे में गुरु काफी कमजोर हो जाता है। ऐसे में किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने क मनाही होती है, क्योंकि गुरु का शुभ प्रभाव नहीं पड़ता है।
खरमास के दौरान शादी-विवाह जैसे मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। इस दौरान गृह प्रवेश, मुंडन, छेदन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है। इसके अलावा नया बिजनेस, नया कार्य, नई दुकान आदि खोलने की मनाही होती है।
खरमास के दौरान नहीं करें ये काम
- खरमास के दौरान शादी-विवाह या फिर वाह से संबंधित कोई भी काम जैसे सगाई, तिलक, बेटी की विदाई आदि करने की मनाही होती है। माना जाता है कि खरमास के दौरान ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती है।
- खरमास के दौरान गृह प्रवेश नहीं किया जाता गै। इससे घर में दोष लगता है।
- मलमास के दौरान नए व्यापार का आरंभ नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से नए कार्य में कोई न कोई मुश्किल उत्पन्न होती है और सफलता भी हासिल नहीं होती है।
- खरमास के दौरान मुंडन, छेदन, जनेऊ जैसे 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है।