बिहार

गंडक-कोसी, बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

आकाशीय बिजली से 26 की मौत, प्रत्येक परिवार को चार लाख रुपये की मदद

पटना: बिहार मानसून (Bihar Monsoon) की मेहरबानी से तीन दिन से पानी-पानी है। राज्य के 11 जिलों में शनिवार को जोरदार बारिश के आसार हैं।

मौसम विज्ञान विभाग (meteorological department) के पूर्वानुमान में 5 जुलाई तक अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना जताई गई है। प्रदेश की अधिकतर नदियां उफान पर हैं। कई का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है।

उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्से में 40 mm से अधिक और दक्षिण हिस्से में तीन से 30 MM तक बारिश हुई है।

सुपौल के वसुआ में कोसी नदी और अररिया में परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 118 CM  ऊपर है।

गोपालगंज (Gopalganj) के डुमरिया घाट में गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेंटीमीटर ऊपर है। किशनगंज में महानंदा खतरे के निशान से 90 CM ऊपर है।

लोगों को बेवजह घर से बाहर न जाने की सलाह दी गई

पूर्णिया (Purnia) में जलस्तर 87 CM और कटिहार के झावा में 104 CM ऊपर है। मुजफ्फरपुर के रुन्नी में बागमती नदी का जलस्तर 85 CM और बेनीबाद में 70 CM ऊपर है।

मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 75 CM ऊपर बह रहा है।

मौसम विज्ञान विभाग ने बिहार के सभी जिलों में बारिश होने के साथ वज्रपात (आकाशीय बिजली) की आशंका जताई है।

लोगों को बेवजह घर से बाहर न जाने की सलाह दी गई है। साथ ही पक्के मकानों में शरण लेने को कहा गया है। सरकारी आंकड़ों (official statistics) में वज्रपात से पिछले तीन दिन में 26 लोगों की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने प्रत्येक परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। गैरसरकारी आंकड़ों के मुताबिक 72 घंटे में वज्रपात से 37 लोगों की मौत हो चुकी है।

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