गुमला में लोगों ने की सरना स्थल में भगवान सिंगबोंगा की पूजा-पाठ कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना
गुमला; कामडारा के अरहरा गांव में रविवार को सरना धर्म सोतो: समिति का आठवां शाखा स्थापना दिवस सह सरना धर्म प्रार्थना (Religious Prayer) सभा आयोजित की गयी।
मधु बारला, लेचा मुंडा व चंदा आइंद की अगुवाई में अनुयायियों के साथ सरना स्थल में भगवान सिंगबोंगा की पूजा-पाठ कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की गई।
विभिन्न मंडलियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम (Cultural Programme) एवं सरना भजन प्रस्तुत कर पूरे वातावरण (Climate) को भक्तिमय (Devotional) बना दिया।
समाज में प्रेम व भाईचारा की भावना पनपती है
इस समारोह में मुख्य अतिथि सिसई के विधायक (Legislator) जिगा सुसासन होरो और विशिष्ट अतिथि डा. सीताराम मुंडा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
धर्मगुरु सोमा कंडीर ने कहा कि सिंगबोंगा (singbonga) की स्तुति से हमारी आत्मा में भक्ति व श्रद्धा बढ़ती है तथा समाज में प्रेम व भाईचारा की भावना पनपती है।
इससे लोभ, लालच व अहंकार जैसे बुराईयां दूर होती है और जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है।
हमें इसके लिए सदा धर्म के रास्ते पर चलना चाहिए और समाज में प्रेम व भाईचारा (Brotherhood) के साथ रहना चाहिए।
सरना प्रकृति पर आधारित
मुख्य अतिथि सिसई विधायक जिगा सुसारन होरो ने कहा कि सरना प्रकृति पर आधारित विश्व का प्राचीनतम धर्म है। इसमें आज भी सच्चाई, अच्छाई, ईमानदारी व निष्ठा है लेकिन धार्मिक प्रतिस्पर्द्धा (Religious Competition) में धीरे-धीरे अपना मूल अस्तित्व व अस्मिता लुप्त होती जा रही है।
इसलिए आदिवासियों के समुचित विकास के लिए सरना धार्मिक-सामाजिक व्यवस्था का संरक्षण (Protection) व संवर्धन करना सुनिश्चित होना चाहिए।
सैकड़ो सरना धर्मावलंबी शामिल
कार्यक्रम में मथुरा कंडीर, सुखराम मुंडा, लुथड़ू मुंडा, बिरसा तोपनो, बुधराम बारला, पुना बारला, सोमा बारला, प्रेमचंद बारला, सुखराम केरकेट्टा, जोसेफ बारला, जेम्स होरो, कोलय ओड़ेया, बंटी ओड़ेया, पिंटु केरकेट्टा, मरकस होरो, सुमित सोय, विजय बारला, एतवा बारला, बुधवा बारला आदि ने विचार व्यक्त किए ।
इस समारोह में खूंटी, मुरहू, बंदगांव, अड़की, गुमला, कमडारा, तोरपा, तपकारा तथा आस-पास के गांवों के सैकड़ो सरना धर्मावलंबी शामिल हुए ।