झारखंड : एक ओर Corona का कहर, दूसरी ओर सारंडा में बुखार-दर्द से लोगों की मौत का सिलसिला अब भी जारी
जमशेदपुर: प्रदेश में लोग एक बार फिर से Corona संक्रमण की चपेट में आने लगे हैं। दिनोंदिन मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। कई लोगों जान भी गंवा चुके हैं।
इस बीच सारंडा में बुखार और दर्द से लोगों की मौत का सिलसिला भी जारी है। खबर आ रही है कि मनोहरपुर प्रखंड की छोटानागरा व गंगदा पंचायतों में 12 घंटे के अंदर पांच साल की बच्ची समेत दो की मौत हो गयी।
छोटानागरा पंचायत (Chotanagara Panchayat) के बाइहातु में पांच वर्षीय बच्ची मनीषा चांपिया की रविवार सुबह मौत हो गयी, जबकि गंगदा पंचायत के सेलाई में 45 वर्षीय सुखराम मरांडी की शनिवार शाम मौत हो गयी। परिजनों के अनुसार दोनों दो-तीन दिनों से बीमार थे।
वहीं, प्रखंड की छोटानागरा, चिरिया, गंगदा पंचायतों में अब भी कई लोग बीमार हैं। बहरहाल, लोगों को अभी पूरी तरह सावधानी बरतने को भी चिकित्सक बोल रहे हैं।
इतनों ने गंवा दी है जान
सारंडा में फैली बीमारी से अबतक सारंडा के छोटानागरा के अलावा गंगदा पंचायत में कुल 10 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से दो की मौत 24 घंटे के अंदर हुई है।
जबकि पूर्व दो सप्ताह में जोजोगुटु में 5, बाइहतु में 2, रोडुआ में 1, गंगदा के हिनुवा में 1, सेलाई में 1 ग्रामीण की मौत हुई है।
बड़ी कंपनियां फिर भी स्वास्थ्य सेवा बदहाल
सारंडा के क्षेत्र में किरीबुरू, चिरिया, गुवा सेल के अलावा यहां निजी कंपनियां भी माइनिंग कर रही हैं। बावजूद यहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था (Better Health Care) नहीं मिल रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार CSR के तहत स्वास्थ्य सेवा देने का वायदा कर कपंनियां सिर्फ छलावा कर रही हैं। ग्रामीणों सही स्वास्थ्य सेवा (Health Care) का लाभ तक नहीं मिल पा रहा है।
जिप उपाध्यक्षजिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने कहा कि ग्रामीणों की मलेरिया (Malaria) से निरंतर हो रही मौत चिंता का विषय बन गया है।
चिकित्सा विभाग की लापरवाही चरम पर
चिकित्सा विभाग पहले से भारी लापरवाही बरत रहा है। कहा, ऐसे गांवों में चिकित्सकों की टीम भेजकर ग्रामीणों का इलाज किया जाना चाहिए।
सारंडा के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति वास्तव में दयनीय है। जिला अधिकारियों व सीएस (District Officers & CS) से कई बार व्यवस्था सुदृढ करने की मांग की गयी, पर शिथिलता से ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं।
सारंडा की लचर चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी CM को देंगे। सरकार ने भी पिछले 10 वर्षों से एक स्थान पर जमे चिकित्सकों का स्थानान्तरण करना प्रारंभ कर दिया है।
हालांकि लोगों के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखने वाले स्वास्थ्यकर्मियों (Health Workers) का इस तरह से ट्रांसफर किये जाने को लोग सही भी बता रहे हैं।