रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर कसा तंज, बोले- 2018 शराब नीति थी सबसे कारगर

0
39
#image_title
Advertisement

Jharkhand News: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को अपने एग्रिको आवासीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि झारखंड सरकार ने नई 2025 शराब नीति में स्वीकार किया है कि उनकी 2018 की शराब बिक्री नियमावली ही राज्य और जनहित के लिए सबसे उपयुक्त थी।

उन्होंने हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियों में पारदर्शिता और प्रभावशीलता की कमी है।

2018 नीति से राजस्व में बंपर वृद्धि, 2020 के बाद गिरावट

रघुवर दास ने बताया कि 2018 की नियमावली लागू होने के बाद शराब बिक्री से राजस्व 2018-19 में 1082 करोड़ रुपये से बढ़कर 2019-20 में 2009 करोड़ रुपये हो गया था।

इसके विपरीत, हेमंत सरकार ने 2020 के बाद दो बार नीति बदली, जिससे राजस्व में कमी आई, लोकप्रिय ब्रांड्स की अनुपलब्धता, MRP से अधिक कीमत, और बिक्री की अंडर-रिपोर्टिंग जैसी समस्याएं बढ़ीं। ऑडिट में भी देरी हुई।

2025 नियमावली में 2018 को बनाया आधार, स्वार्थ नीति पर सवाल

नई 2025 नियमावली में 2018 की नीति को आधार बनाया गया है। रघुवर दास ने कहा कि यह स्वीकारोक्ति दर्शाती है कि वर्तमान सरकार को अपनी नीतियों के नुकसान का अहसास हुआ है।

उन्होंने आरोप लगाया कि स्वार्थ आधारित नीतियों ने झारखंड की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर धूमिल किया और जनहित को क्षति पहुंचाई।

“साफ नियत और मजबूत नेतृत्व की कमी”

रघुवर दास ने कहा, “स्पष्ट नीति, साफ नियत और मजबूत नेतृत्व से ही नीतिगत मजबूती आती है, जो वर्तमान सरकार में दिखाई नहीं दे रही।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि 2018 की नीति आज भी सबसे प्रभावी और जनकल्याणकारी साबित हुई है, और इसका ईमानदारी से पालन जरूरी है।