झारखंड

देवघर में सुहागिन महिलाओं ने की वट सावित्री की पूजा

देवघर: पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला व्रत वट सावित्री व्रत गुरुवार को मनाया गया। यह व्रत हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है।

शहर विभिन्न वट वृक्षों के सामने पूजा पाठ के लिए सुबह से ही महिला श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को भी विवश कर दिया था।

इस व्रत के दिन सत्यवान-सावित्री कथा को भी पढ़ा या सुना जाता है। वट सावित्री व्रत झारखंड, बिहार, बंगाल के साथ उत्तर भारत के कई हिस्सों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई जगहों पर मनाया जाता है।

अमावस्या तिथि का प्रारंभ 09 जून को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो चुका है जो कि 10 जून शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहा। वट सावित्री व्रत में बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में बरगद का वृक्ष पूजनीय माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास होता है।

इस वृक्ष की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा शुभ मानी जाती है।

वट सावित्री व्रत का पारण 11 जून दिन शुक्रवार को किया जाएगा।

Back to top button
Close

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker